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(DBMS) डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम क्या है, तथा DBMS के लाभ और हानियाँ

नमस्कार दोस्तों आज के इस पोस्ट में आप जानेंगे DBMS क्या है, यानि डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम, जिसे हमने बहुत ही सरल शब्दो में आप तक पहुँचाने की कोशिश की है, तो पोस्ट को पूरा पढ़े ताकि DBMS की यह जानकारी आपको अच्छे से समझ में आ जाए।

डेटाबेस क्या है (What is Database in Hindi)

DBMS को समझने से पहले जरुरी है, की Database को समझा जाए। यदि डेटाबेस को एक शब्द में परिभाषित करें तो, यह डाटा का एक Organised Collection है, जिसमे डाटा Systematic रूप में स्टोर रहता है। डेटाबेस को आसानी से Access किया जा सकता है, Update किया जा सकता है और Manage किया जा सकता है।

यदि डेटाबेस को एक उदाहरण से समझा जाए तो इसका उदाहरण आप किसी स्कूल के रजिस्टर से ले सकते हैं, जिसमे हर एक Student की जानकारी उपलब्ध रहती है और इसे एक structured रूप में मैनेज किया जाता है, ताकि जरुरत पड़ने पर जानकारी को आसानी से जुटाया जा सके।

Database को Manage करने के लिए DBMS का इस्तेमाल किया जाता है, तो आईये अब समझते हैं (DBMS) Database Management System क्या है।

डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम क्या है? (Database Management system in Hindi)

डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम यानि (DBMS) एक सॉफ्टवेयर पैकेज है, जिसके द्वारा Database में डाटा को Create, Manage, Update और Retrieve किया जा सकता है।

यदि डेटाबेस में किसी भी प्रकार के Changes या Update करने हो, तो ऐसे में वह change DBMS के द्वारा किए जाते हैं यानि DBMS एक User Application और Database के बीच प्लेटफार्म तैयार करता है, ताकि Data की Accessibility बनी रहे। DBMS के Software Examples हैं :- MySQL, ORACLE, Microsoft access इत्यादि।

डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम के प्रकार (Types of DBMS in Hindi)

डीबएम्एस के मुख्य रूप से चार प्रकार हैं, जो इस निम्नलिखित हैं।

Hierarchical Model :- Hierarchical Database System को IBM द्वारा 1960 की शुरुवात में develop किया गया था। यह मॉडल एक Parent/Child मॉडल है यानि यह Tree के Structure में Organized रहता है। इसमें डाटा रिकार्ड्स के रूप में स्टोर होता है और एक दूसरे से Links द्वारा जुड़ा रहता है।

हैरारिकल डेटाबेस की शुरुवात Root data से होती है, जिसमे की यह Tree के रूप में Expand होता है और हर एक Child node अपने Parent node से जुड़ता है, थता प्रत्येक Child Node का सिर्फ एक ही Parent Node होता है लेकिन Parent के कई Children हो सकते हैं।

Network Model :- Network database Structure को Charles Bachman द्वारा 1969 में डेवलप किया गया था। नेटवर्क मॉडल भी hierarchical मॉडल की ही तरह दीखता है, लेकिन इसमें किसी Record/Child के एक से अधिक Parents हो सकते हैं, और इसमें डाटा Graph के रूप में organized किया जाता है।

इसमें Hierarchical मॉडल की तुलना में डाटा काफी तेजी से Access किया जा सकता है, क्योंकि डाटा को Access करने के कई Paths होते हैं।

Relational Model :- रिलेशनल मॉडल को E.F Codd द्वारा 1970 में Proposed किया गया था। यह सबसे आसान और सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला मॉडल है, जिसमे डाटा को Two dimensional table के रूप में Maintained किया जाता है।

इसमें सभी जानकारियाँ Raw और Columns के रूप में स्टोर रहती हैं और इसे मैनेज करने के लिए SQL, Oracle, MySQL इत्यादि का इस्तेमाल किया जाता है।

Object oriented Model :- Object Oriented डेटाबेस (OODB) 1980 की शुरुवात में तैयार किया गया था। ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड मॉडल में Information या डाटा object के रूप में इखट्टा रहता है, यानि ऑब्जेक्ट एक Real World problem को दर्शाता है, थता यह Object Oriented Programming (OOP) के मौलिक सिद्धांतों को follow करता है।

(Components Of Database Management System in Hindi)

DBMS के निम्नलिखित मुख्य Components हैं, और हर किसी का अपना एक अलग कार्य है।

User :- इसमें 3 प्रकार के users शामिल हैं, Application Programmer, Database Administrators और End Users, इन सभी का कार्य एक दूसरे से भिन्न है।

Application Programmer :- जो एप्लीकेशन को Programming language जैसे की (C++,Java इत्यादि) में तैयार करते हैं, जिससे की डेटाबेस से Communicate किया जा सके।

Database Administrator :- ऐसा व्यक्ति जो DBMS (Database Management System) को मैनेज करता है, यानि इसका कार्य डेटाबेस की Maintenance करना है।

End User :- End User का कार्य डेटाबेस को Application और Utilities के माध्यम से Access करना है, ताकि किसी प्रकार का Update किया जा सके या फिर रिपोर्ट generate की जा सके।

Hardware :- यदि यहाँ पर हार्डवेयर की बात की जाए तो इसका अर्थ कंप्यूटर सिस्टम से है, जो की DBMS को एक प्लेटफार्म प्रदान करता है और डाटा इन्ही कंप्यूटर हार्डवेयर जैसे (Hard disk, RAM) में स्टोर होता है।

यानि इसमें कंप्यूटर के सभी I/O devices जैसे कीबोर्ड, मॉनिटर इत्यादि भी आते हैं, क्योंकि जब DBMS सॉफ्टवेयर पैकेज रन किया जाता हैं, तो ऐसे में सभी कंप्यूटर पार्ट्स का इस्तेमाल होता है और इस तरह से यह सब भी DBMS कॉम्पोनेन्ट का हिस्सा बन जाते हैं।

Software :- सॉफ्टवेयर पैकेज भी हार्डवेयर की तरह ही एक महत्वपूर्ण कॉम्पोनेन्ट है। इसमें दो प्रकार के सॉफ्टवेर शामिल हैं, ऑपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर और DBMS सॉफ्टवेयर पैकेज।

ऑपरेटिंग सिस्टम जैसे Microsoft Windows, Linux इत्यादि द्वारा हार्डवेयर को मैनेज किया जाता है, थता दूसरे एप्लीकेशन और सॉफ्टवेर के लिए प्लेटफार्म तैयार किया जाता है, और DBMS सॉफ्टवेयर पैकेज द्वारा Database को मैनेज किया जाता है। इसमें Microsoft SQL Server, MySQL इत्यादि शामिल हैं।

Data : DBMS का मुख्य कार्य डाटा का मैनेजमेंट करना है, जिसमे Data Collect करना,Process करना और उसे Access करना शामिल है। यहाँ पर डाटा से अर्थ डेटाबेस में Stored डाटा से है, जैसे की Numerical Data, Non Numerical और Logical डाटा।

(Advantage of Data Management System in Hindi)

DBMS के कई Advantages हैं, जिनमे से मुख्य इस प्रकार से हैं।

Data Redundancy :- DBMS में Data Redundancy ना के बराबर है, Data Redundancy तब होता है, जब एक ही डाटा विभिन्न जगहों पर Stored रहता है, क्योंकि DBMS में डाटा एक Centralized रूप में Stored होता है, जिससे सभी Users इस एक ही Data Source को Access करते हैं।

Data Security :- जैसे की DBMS में Access Controls की सुविधा उपलब्ध होती है, जिससे की सिर्फ Authorized users को ही डाटा का Access प्राप्त होता है और हर Users को अलग Access Authorization दिया जा सकता है, जिस से Data को सुरक्षित रखा जा सकता है।

Easy Data Accessibility :- DBMS द्वारा डाटा को इस तरह से मैनेज किया जाता है, की डाटा को आसानी और तेजी से Access किया जा सके।

Easy Recovery :- जैसे की Database System द्वारा डाटा को Backup किया जाता है, जिससे यदि किसी भी प्रकार का Failure होता है, तो ऐसे में डाटा को आसानी से Recover कीया जा सकता है।

(Disadvantages of database management system in Hindi)

DBMS के Advantages के साथ-साथ कुछ Disadvantages भी हैं, जिसके निम्नलिखित प्रकार हैं।

Increased Cost :- DBMS और Database सिस्टम का मुख्य Disadvantage इसे Setup और Maintain करने में लगने वाली Cost है, जिसमे इसका हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और Trained Staff शामिल है।

Complexity :- जैसे की DBMS का आकर काफी बड़ा होता है, जिससे की इसकी जटिलता भी काफी बढ़ जाती है यानि इसे maintain करना काफी जटिल होता है।

Staff Training Cost :- इसमें किसी दूसरे छेत्र की तरह ही कोई साधारण स्टाफ नहीं रखा जा सकता है, बल्कि Highly Skilled और Trained स्टाफ की आवश्यकता पड़ती है, जिससे इसमें होने वाले खर्चे में बढ़ोतरी होती है।

अंतिम शब्द

दोस्तों इस पोस्ट में आपने पढ़ा डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम क्या है, Database Management System in Hindi, हमने इस पोस्ट के माध्यम से DBMS को बिलकुल सरल शब्दो मे समझाने की कोशिश की है और हमें उम्मीद है की इस में आपको कुछ अच्छी जानकारी प्राप्त हुई होगी। यदि DBMS से सम्बंधित आपके कोई सवाल हैं, तो आप हमें कमेंट कर के बता सकते हैं। धन्यवाद।

यह भी पढ़ें 

BIG Data क्या है।

LDAP क्या है।

Data Structure क्या है।

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This Post Has 3 Comments

  1. Nikita

    Thanks

  2. sujal deshmukh

    thanks

  3. Pawan

    धन्यवादम

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