You are currently viewing बैकअप क्या है? What is backup in Hindi और डाटा बैकअप के प्रकार
backup kya hai

बैकअप क्या है? What is backup in Hindi और डाटा बैकअप के प्रकार

नमस्कार दोस्तों इस पोस्ट में आपको Backup से जुड़ी जानकारी पढ़ने को मिलेगी, Backup क्या है (What is backup in hindi),यह क्यों जरुरी है, इसके प्रकार कौन-कौन से होते हैं, थता बैकअप करना क्यों जरुरी है।

बैकअप क्या है (What is backup in hindi)

जब हम कंप्यूटर पर कोई कार्य करते हैं, चाहे वह हमारा वर्ड या एक्सेल में किया गया कार्य हो, या किसी सॉफ्टवेयर जैसे की टैली या ऑटोकैड में किया गया कार्य हो, हमारे द्वारा कंप्यूटर पर किए गए इन सभी कार्यों की फाइल तैयार होतीं है, इन्हे डाटा कहा जाता है।

जब इन डाटा को हम मुख्य जगह के साथ-साथ किसी दूसरी जगहों पर भी कॉपी कर के रखते हैं, तो इसे बैकअप कहा जाता है, यानि बैकअप शब्द का अर्थ किसी चीज की पूर्ति करना होता है, और कंप्यूटर जगत में जब कंप्यूटर डाटा की कॉपी एक या उस से अधिक जगहों पर save कर के रखी जाती है, तो उसे बैकअप या data backup कहा जाता है।

यदि मुख्य जगह पर save किया गया डाटा किन्ही कारणों से Corrupt हो जाए, ख़राब हो जाए या डिलीट हो जाए, तो ऐसी परिस्थिति में डिलीट डाटा को बैकअप द्वारा रिस्टोर किया जा सकता है।

डाटा बैकअप क्यों जरुरी है | Why data backup is important

सोचिए आपने घंटो बैठ कर कंप्यूटर पर कोई कार्य किया है, यानि कोई एक्सेल शीट तैयार की है,टैली पर एंट्री की है, या ऑटोकैड पर ही कोई प्रोजेक्ट तैयार किया है, और यदि वह डाटा डिलीट हो जाता है, Corrupt हो जाता है, या किसी भी दूसरी वजह से खराब हो जाता है, तो आप कैसा महसूस करेंगे? निश्चित ही आपको बहुत निराशा महसूस होगी, क्योंकि उसमे आपका काफी समय लगा होता
है, और कई बार आपका बहुत ही महत्वपूर्ण डाटा भी होता है।

तो इन्ही सब परेशानियों से बचने और अपने data को सुरक्षित और save रखने के लिए data backup किया जाता है, ताकि भविष्य में ऐसी किसी भी data loss की परिस्थिति से बचा जा सके।

Big data क्या है

डाटा बैकअप के प्रकार (Types of data backup in hindi)

डाटा का बैकअप लेने के सामान्य रूप से तीन तरीके होते हैं Full backup, Incremental backup और differential backup,

हर तरीका एक दूसरे से अलग होता है, जिनमे से user’s अपनी जरुरत और डाटा अनुसार किसी भी तरीके को चुन सकते हैं, और साथ ही आपका यह भी समझना जरुरी है, की डाटा को बैकअप कर save रखने का बेहतर विकल्प क्या हो सकता है, Locally या Cloud पर, तो आइये step by step सभी data backup types को समझते हैं।

फुल बैकअप (Full backup)

जैसा की इसके नाम से ही पता लगाया जा सकता है, इस बैकअप टाइप में डाटा का पूरा बैकअप लिया जाता है, यानि सिस्टम में पड़ी हर एक फाइल का बैकअप हो जाता है, फुल बैकअप प्रोसेस में काफी अधिक समय और disk space की जरुरत पड़ती है, लेकिन data restore के समय यानि जब बैकअप में से डाटा फिर से हमें चाहिए तो तब यह प्रोसेस काफी तेजी से पूरा हो जाता है। फूल बैकअप को locally save किया जाता है, जिसके लिए मुख्यतः SSD,Tap drive इत्यादि का इस्तेमाल किया जाता है।

यदि फुल बैकअप प्रतिदिन लिया जाए तो इससे एक ही डाटा की अलग अलग कॉपी तैयार हो जाती हैं, जिसमें काफी ज्यादा समय तो लगता ही है, और साथ साथ ज्यादा disk space का भी इस्तेमाल होता है।

डाटा माइनिंग क्या है

इंक्रीमेंटल बैकअप (Incremental backup)

इंक्रीमेंटल बैकअप टाइप में पिछले किए गए बैकअप के बाद डाटा में हुए बदलाव और नए डाटा का ही बैकअप लिया जाता है, यानि डाटा में बदलाव और नए डाटा के बैकअप लेने से इसमें काफी कम समय और कम disk space का इस्तेमाल होता है, लेकिन रिस्टोर के समय पहले फुल बैकअप रिस्टोर होता है, फिर इंक्रीमेंटल जिससे डाटा रिस्टोर होने में काफी ज्यादा समय लगता है।

इंक्रीमेंटल बैकअप में पहली बार सिस्टम का फुल बैकअप लिया जाता है, और इसके बाद जिन डाटा के बैकअप की हमें जरुरत पड़ती है उन्हें इंक्रीमेंटल बैकअप के लिए assign कर दिया जाता है जिससे जितना हम कार्य करते जाते हैं उतने का बैकअप भी schedule अनुसार चलता रहता है

इसके बैकअप के लिए मुख्य तौर पर online backup solution का अधिक इस्तेमाल किया जाता है जिसमें आपका डाटा Cloud backup servers में save रहता है और जरुरत पड़ने पर आप उसका इस्तेमाल कर पाते हैं।

डिफरेंशियल बैकअप (Differential backup)

डिफरेंशियल बैकअप इंक्रीमेंटल बैकअप से थोड़ा अलग है, इसमें भी पहली बार सिस्टम का फुल बैकअप लिया जाता है, और फिर scheduled के अनुसार डिफरेंशियल रूप से डाटा का बैकअप चलता रहता है।

डिफ्रेंशियल बैकअप में पिछले हर बैकअप की अलग फाइल तैयार होती है और हर बार बैकअप होने पर पिछले किये गए सभी बैकअप की कॉपी नए बैकअप के साथ-साथ save होती रहती है, जिससे डाटा में बदलाव करने के बाद भी आपके पास पिछले किसी भी डाटा की कॉपी उपलब्ध रहती है। यह फुल बैकअप से तेज और इंक्रीमेंटल बैकअप से धीमा होता है।

यदि रिस्टोर की बात की जाए तो यह फुल बैकअप से धीमा और इंक्रीमेंटल बैकअप से तेज रिस्टोर होता है।इसे save करने के लिए भी मुख्यतः locally स्टोरेज डिवाइस या सर्वर का इस्तेमाल किया जाता है।

बैकअप कब लें (When to backup)

बैकअप कितने समय में लेना चाहिए यह पूरी तरह से आपके और आपके डाटा पर निर्भर करता है, यानि अगर आपका डाटा बहुत महत्वपूर्ण है, तो उसका बैकअप आप प्रतिदिन या दिन में कई बार ले सकते हैं। इसका उदाहरण आप बैंक के काम काज से भी ले सकते हैं, जहाँ डाटा बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होता है, जिसका बैकअप लगभग हर दिन या एक दिन में कई बार चलता रहता है, और अलग अलग locations पर रखे server’s में save होता है, ताकि किसी भी आपातकालीन स्तिथि में डाटा को रिस्टोर किया जा सके।

यदि आपका डाटा इतना ज्यादा crucial नहीं है, यानि banks की तरह हर छोटे समय में डाटा में इतना ज्यादा बदलाव नहीं होता है, तो इसके लिए साप्ताहिक रूप से या कुछ दिनों के अंतराल में backup schedule किया जा सकता है।

अंतिम शब्द

तो दोस्तों आपने पढ़ा backup क्या है, what is backup in hindi और इससे जुडी दूसरी सभी प्रकार की जानकारी, कुल मिलाकर इस पुरे लेख से आपको यह तो स्पष्ट हो गया होगा की आपको अपने डाटा का backup जरूर रखना चाहिए जिससे data loss जैसी किसी भी स्थिति से बचा जा सकता है।

उम्मीद है, आप भी अपने डाटा का बैकप जरूर करते होंगे यदि नहीं करते हैं, तो अब से करना शुरू कर दीजिए। यदि इस पोस्ट (Backup in hindi) से जुड़े आपके कोई सवाल हैं, या कोई सुझाव है, तो कमेंट द्वारा आप हमें बता सकते हैं धन्यवाद।


Share this:

This Post Has 2 Comments

  1. Mohit

    Bahut achche se or easy language mein aapne explain kiya.. Thanku

    1. Gethow

      Thank you Mohit aapko content accha laga

Leave a Reply