आज के इस पोस्ट में आप जानेंगे डाटा मॉडलिंग क्या है, Data modeling in hindi और साथ ही Data modeling advantages के बारे में भी समझेंगे।
डाटा मॉडलिंग क्या है। Data modeling in hindi
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के भीतर data modeling एक ऐसा प्रोसेस है, जिसमे डाटा स्टोरेज का logical मॉडल यानि एक diagram तैयार किया जाता है, ताकि इस लॉजिकल मॉडल के अनुसार डाटा को Database में स्टोर किया जा सके।
डाटा मॉडलिंग को आप एक गाइड की तरह मान सकते हैं, जिसका उपयोग data analyst डेटाबेस का डिज़ाइन तैयार करने थता उसके Implementation में करते हैं।
डाटा मॉडलिंग database coding प्रक्रिया का सबसे पहला और महत्वपूर्ण स्टेप है, इसमें डाटाबेस से जुड़े हर पहलू की व्याख्या की जाती है, जैसे की डेटाबेस में डाटा किस प्रकार स्टोर होगा, एप्लीकेशन या सिस्टम किस डाटा का उपयोग करेंगे, अलग-अलग प्रकार का डाटा आपस में कैसे connect होगा थता डाटा की प्रोसेसिंग किस प्रकार होगी,
यानि data modeling के द्वारा database के जटिल डिज़ाइन को आसान डायग्राम के रूप में समझा जा सकता है, और पता लगाया जा सकता है की Implementation के बाद final सिस्टम किस प्रकार का होगा और कैसे काम करेगा।
उदाहरण के तोर पर जिस प्रकार आर्किटेक्ट मकान बनाने से पहले उसका डिज़ाइन तैयार करता है, के घर किस प्रकार का होगा, वह कैसा दिखेगा, उसमे कितने कमरे होंगे, बाथरूम कहाँ होगा, सीढ़िया कहाँ होंगी, छत पर कैसे जाएँगे इत्यादि, तो यह सब वह पहले ही डिज़ाइन कर लेता है, और मकान मालिक की सहमति के बाद बनाए गए डिज़ाइन के अनुसार काम शुरू कर देता है।
Data modeling advantages in Hindi
- डाटा मॉडलिंग को डाटाबेस डेवलपमेंट की नीव कहा जा सकता है, यह developer, data architects थता business analyst के लिए किसी डेटाबेस के भीतर डाटा के आपसी संबंध को समझना आसान बनाता है।
- इसके द्वारा डाटाबेस डेवलपमेंट से पूर्व डाटा स्टोरेज व्यवस्था की योजना बनाई जा सकती है, थता स्टोरेज डिज़ाइन को समझा जा सकता है।
- क्योंकि इसमें योजना अनुसार कार्य किया जाता है, जिस कारण डेटाबेस डेवलपमेंट में error की गुंजाईश कम हो जाती है।
- बेहतर डेटाबेस मॉडल के होने पर डेटाबेस की कार्यक्षमता बढ़ जाती है।
- बेहतर डाटाबेस मॉडल तैयार करने पर Data mapping को आसान बनाया जाता है, ताकि डाटा को आसानी से access किया जा सके और उसका उपयोग किया जा सके।
- किसी भी डेवलोपमेन्ट के दस्तावेज उसका सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, डाटा मॉडलिंग में क्रमबद्ध तरीके से कार्य किया जाता है, जिससे इसका documentation मजबूत रहता है।
- डाटा मॉडल के अनुसार कार्य करने पर डेवलपमेंट से पूर्व ही कमियों (Errors) का पता लगाया जाता है, जिससे डेवलोपमेन्ट मूल्य (cost) काफी कम हो जाती है।
- Data modeling के द्वारा डाटाबेस की जटिलता थता डाटा प्रोसेसिंग का अंदाजा पहले से ही लगाया जा सकता है, यानि प्रोजेक्ट में आगे बढ़ने या डेवलपमेंट की जटिलता को समझने के लिए डेवलपर को पूरा समय मिल जाता है, जो की जोखिम (Risk) को काफी कम कर देता है।
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