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क्लाउड कंप्यूटिंग के प्रकार | types of cloud computing in hindi

हैलो दोस्तों हमारे पिछले कई लेखों में हमने क्लाउड कंप्यूटिंग के बारे में काफी कुछ जानकारी आपसे साँझा की है, जिसमे क्लाउड कंप्यूटिंग क्या है, थता प्राइवेट, पब्लिक और हाइब्रिड क्लाउड के बीच के फर्क को भी समझाया गया है। इसी को आगे बढ़ाते हुवे आज हम क्लाउड कंप्यूटिंग के प्रकार क्या हैं, What are the types of cloud computing in Hindi, के बारे में विस्तार से जानेंगे।

आज कल organizations चाहे वो बड़ी हों, या छोटी, अपनी कई IT जरूरतों को outsource कर देती हैं, और ऐसा करने के पीछे उनके कई कारण होते हैं, जैसे organization के पास अपने IT infrastructure के लिए space की कमी हो, investment की कमी हो, या वे IT maintenance की सरदर्दी नहीं लेना चाहते हों। 

Cloud access के रूप में उन्हें global reach मिल जाती है, सर्विसेज के लिए सिर्फ उपयोग अनुसार ही पैसा देना पढता है, organization चाहे तो उपयोग अनुसार सिर्फ कुछ चुंनिदा सर्विसेज को ही ले सकती है, Organization का IT infrastructure पर ध्यान ना होकर अपने core business में ध्यान रहता है। तो Cloud पर shift होने के ऐसे ढेरों फायदे हैं, जिनका लाभ आज  organizations लेती हैं।   

क्लाउड कंप्यूटिंग के प्रकार | types of cloud computing in hindi

जब क्लाउड कंप्यूटिंग के प्रकार की बात आती हैं, तो इन्हे मुख्यतः दो भागों में देखा जाता है, क्लाउड सर्विस मॉडल थता क्लाउड डिप्लॉयमेंट मॉडल, तो चलिए सर्विस मॉडल और डिप्लॉयमेंट मॉडल दोनों को विस्तार में समझते हैं। 

Cloud computing service model :- क्लाउड कंप्यूटिंग यानि resources जैसे Server, storage, application, network, services इत्यादि को इंटरनेट द्वारा User’s के साथ शेयर करना। तो क्लाउड सर्विस मॉडल यह दर्शाता है, या यह वर्णित करता है, की इन शेयर किए गए कंप्यूटिंग resources को User’s द्वारा किस हद तक और Cloud providers द्वारा किस हद तक मैनेज और कंट्रोल किया जा सकता है। 

यह तो आप जानते ही हैं, की क्लाउड प्रोवाइडर का अपना एक IT Infrastructure होता है, जिसमे विभिन्न कंप्यूटिंग सर्विसेज मौजूद होती हैं, तो जब वह इन कंप्यूटिंग सर्विसेज को virtualization द्वारा अपने consumers को उपलब्ध कराते हैं, तो नीचे बताए गए यह अलग-अलग तीन Service model हैं, जिन्हे User’s अपनी आवश्यकता अनुसार चुन सकते हैं।    

क्लाउड सर्विस मॉडल के निम्न प्रकार हैं।

  • Infrastructure as a service (IaaS)
  • Platform as a service (PaaS)
  • Software as a service(SaaS)

Infrastructure as a service (laaS) यह क्लाउड कंप्यूटिंग का वह रूप है, जिसमे क्लाउड प्रोवाइडर Users या organization की demand अनुसार उन्हें इंटरनेट के माध्यम से कंप्यूटिंग रिसोर्सेज जैसे सर्वर, स्टोरेज, नेटवर्क, प्रोसेसिंग इत्यादि उपलब्ध कराते हैं, और इन कंप्यूटिंग रिसोर्सेज को क्लाउड प्रोवाइडर द्वारा ही मैनेज भी किया जाता है, इसीलिए infrastructure as a service को (HaaS) hardware as a service भी कहा जाता है। 

दूसरे शब्दों में कहें तो (IaaS) में क्लाउड प्रोवाइडर अपने यूजर को सिर्फ सर्वर, स्टोरेज थता नेटवर्किंग सर्विसेज का ही access प्रदान करते हैं। इसके बाद User या वह organization जिसने (Iaas) सर्विस ली है, वे सर्विस प्रोवाइडर के इस IT Infrastructure (सर्वर ,स्टोरेज ,नेटवर्किंग सर्विसेज) का उपयोग उनमे अपने सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन Run करने के लिए करते हैं, यानि User’s उपलब्ध हार्डवेयर में अपनी आवश्यकता अनुसार ऑपरेटिंग सिस्टम और सॉफ्टवेयर ऍप्लिकेशन्स को इनस्टॉल, मैनेज और रिमूव कर सकते हैं।  

एक प्रकार से User या organization को सिर्फ अपनी एप्लीकेशन को ही maintain रखना पड़ता है, बाकि IT इंफ्रास्ट्रक्चर इत्यादि को maintain और working रखने की जिम्मेदारी क्लाउड सर्विस प्रोवाइडर की होती है। (IaaS) infrastructure as a service का उपयोग आम तोर पर Administrators द्वारा किया जाता है।

(IaaS) में आने वाले खर्चे की बात की जाए तो यह पूरी तरह से Users के उपयोग पर निर्भर करता है, यानि User यदि उपयोग किए जा रहे Resources अनुसार एक fixed fee देना चाहते हैं, या अपने उपयोग अनुसार समय-समय पर भुगतान करना चाहते हैं, तो दोनों ही विकल्प इसमें मौजूद हैं। 

Platform as a service (PaaS) इस क्लाउड सर्विस मॉडल का उपयोग programmers या developers द्वारा किया जाता है, जहाँ पर वे Programs को develop, test और run करने के लिए इसका उपयोग करते हैं, यानि PaaS डेवेलपर्स को Application build करने के लिए एक platform या environment मुहय्या करता है। 

(PaaS) Platform as a service में यूजर को हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर मैनेज या इनस्टॉल करने की चिंता नहीं करनी पड़ती है, क्योंकि इसमें server, storage, network, OS, database थता development tools इत्यादि सभी कुछ PaaS provider द्वारा ही  उपलब्ध कराए जाते हैं, यानि Consumer द्वारा हार्डवेयर, स्टोरेज, नेटवर्क या OS को मैनेज नहीं किया जाता है, बल्कि यह सब Provider द्वारा ही मैनेज व कंट्रोल किया जाता है, Consumer सिर्फ application या User interface पर काम करके अपनी एप्लीकेशन डेवेलोप कर सकते हैं। 

PaaS में IaaS की ही तरह infrastructure जैसे server, storage, networking तो मौजूद होते ही है, उनके साथ ही इसमें middleware, development tools, BI services और database management services इत्यादि भी शामिल रहते हैं। 
यानि एक डेवलपर को अपनी एप्लीकेशन डेवेलोप करने में काफी आसानी हो जाती है, जहाँ पर कोडिंग में लगने वाले समय और पैसे दोनों की बचत हो जाती है। 

Software as a service(SaaS) यह सर्विस मॉडल आम users के लिए बना है, जहाँ पर वे (SaaS) platform पर उपलब्ध software को इंटरनेट द्वारा monthly subscription fee देकर उपयोग कर सकते हैं। Software as a service (SaaS) में आपको किसी भी कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर या एप्लीकेशन इनस्टॉल करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है, चाहे वो कंप्यूटर आपके पास हो या क्लाउड पर मौजूद हो, बल्कि सब कुछ पहले से तैयार होता है, जिसमे User या consumer बस अपनी एप्लीकेशन को web browser पर access करके उसमे login करता है।

यानि (SaaS) में बस आपको इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता होती है, जिससे आप कभी भी, कहीं से भी, किसी भी डिवाइस से सॉफ्टवेयर को एक्सेस कर सकते हैं, और उसमे login होकर अपना काम कर सकते हैं। इसी प्रकार यदि किसी organization का बढ़ा स्टाफ है, तो प्रत्येक व्यक्ति का अपना personal account बना होता है, जिसमे वे लॉगिन करके अपना कार्य कर सकते हैं, यानि SaaS एक ready-made solution है, जहाँ पर ग्राहक मासिक सब्सक्रिप्शन फी देकर क्लाउड प्रोवाइडर द्वारा दी जा रही सर्विसेज का इस्तेमाल करते हैं। 

(IaaS)(PaaS)(SaaS) 
Infrastructure as a service Platform as a service Software as a service 
इस क्लाउड सर्विस मॉडल का उपयोग आम तोर पर Administrators या Network architects द्वारा किया जाता है। इस क्लाउड सर्विस मॉडल का उपयोग Software developers, programmers द्वारा किया जाता है। SaaS क्लाउड सर्विस मॉडल का उपयोग End users या organizations द्वारा किया जाता है।  

Cloud computing deployment model

क्लाउड डिप्लॉयमेंट मॉडल यह वर्णित करता है, या दर्शाता है, की कंप्यूटिंग रिसोर्सेज को किस प्रकार क्लाउड पर उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें मुख्यतः तीन प्रकार के cloud deployment model मौजूद हैं, Public cloud, private cloud, Hybrid cloud तो इन तीनों क्लाउड डिप्लॉयमेंट मॉडल्स को विस्तार में समझने के लिए हमारी यह पोस्ट पढ़ें (Cloud deployment model in hindi) इसमें हमने detail में इन तीनों मुख्य क्लाउड डिप्लॉयमेंट मॉडल को समझाया है। 
 

तो दोस्तों आपने क्लाउड कंप्यूटिंग के प्रकार (types of cloud computing in hindi) के बारे में पढ़ा। हमें उम्मीद है, यह जानकारी आपको ज्ञानवर्धक लगी होगी। यदि इस पोस्ट से संबंधित आपके कोई सवाल हैं, तो कमेंट द्वारा हमसे पूछ सकते हैं। 

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