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Difference between Private cloud, public cloud and hybrid cloud in hindi

आज के इस पोस्ट में हम Private, public और hybrid cloud के बारे में जानेंगे, की आख़िर यह Cloud services क्या हैं। क्लाउड कंप्यूटिंग का इस्तेमाल हम सभी करते हैं, लेकिन हम में से कई लोगों को जानकारी नहीं होगी की Cloud computing क्या होता है, या क्लाउड कंप्यूटिंग के प्रकार क्या हैं। 

तो इस पोस्ट में हम ना सिर्फ क्लाउड कंप्यूटिंग के बारे में समझेंगे की यह क्या होता है, बल्कि इसके प्रकार जैसे private cloud, public cloud और hybrid cloud के बीच के difference को भी समझेंगे, और यह सब कुछ बिलकुल सरल शब्दों में जानेंगे ताकि आप आसानी से इनके बीच के फर्क को पेहचान सकें। 

Cloud computing क्या है।

क्लाउड कंप्यूटिंग में क्लाउड शब्द को एक रूपक के तोर पर इस्तेमाल किया जाता है, जिसका अर्थ होता है, Internet, तो आसान शब्दों में कहा जाए तो इंटरनेट के माध्यम से दी जाने वाली विभिन्न कंप्यूटिंग सर्विसेज क्लाउड कंप्यूटिंग कहलाती है, उदाहरण के तोर पर जैसे इंटरनेट के माध्यम से data storage, Server, Database, Software या Networking जैसी सर्विसेज उपलब्ध करवाना।

दूसरे शब्दों में कहा जाए तो जब आप डाटा को अपने कंप्यूटर हार्डडिस्क के बजाए इंटरनेट पर स्टोर करते हैं, और इंटरनेट द्वारा ही उस डाटा या प्रोग्राम को एक्सेस करते हैं, या उस पर काम करते हैं, तो यह सब क्लाउड कंप्यूटिंग कहलाता है। आज चाहे अनचाहे रूप में हम सभी क्लाउड कंप्यूटिंग सर्विसेज का इस्तेमाल करते हैं, इसका सामान्य सा उदाहरण आप YouTube, Gmail, Facebook इत्यादि से ले सकते हैं, यह सभी क्लाउड प्लेटफॉर्म्स हैं, जिन्हे आज हर कोई use करता है। 

क्लाउड कंप्यूटिंग आज के समय की मांग भी है, क्योंकि जिस तेजी से टेक्नोलॉजी डेवलप हो रही है, नए startups खुल रहे हैं, जहाँ हर किसी के पास समय की कमी है, ऐसे में business owners के लिए क्लाउड कंप्यूटिंग एक बेहतरीन टूल के समान है। क्लाउड कंप्यूटिंग सर्विसेज के होने से businesses को शुरू में ही अपने IT इंफ्रास्ट्रक्चर में बहुत ज्यादा इन्वेस्टमेंट करने की जरुरत नहीं पड़ती है, बल्कि वे Cloud services द्वारा अपनी हर छोटी से छोटी IT requirement के साथ नई से नई टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

अब आप क्लाउड कंप्यूटिंग के बारे में काफी कुछ जान गए होंगे, तो आपको बता दें की Cloud computing के मुख्य तीन प्रकार होते हैं, Private cloud, public cloud थता hybrid cloud चलिए इन तीनों के बीच के फर्क को समझते हैं। 

Private cloud, public cloud and hybrid cloud in hindi

मुख्य रूप से तीन प्रकार के क्लाउड मॉडल हैं, जिन्हे आप अपनी आवश्यकता अनुसार चुन सकते हैं, Private cloud, public cloud थता hybrid cloud, चलिए इन तीनों क्लाउड मॉडल को एक-एक कर समझते हैं। 

Private cloud :- जैसे की इसके नाम से ही आप अंदाजा लगा सकते हैं, की यह किसी एक कंपनी या संगठन का अपना क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर होता है, जहाँ पर वे संगठन के अंदरूनी कार्यों के लिए कंप्यूटिंग संसाधनों को क्लाउड पर deploy करते हैं, ताकि उस संगठन से जुड़े कर्मचारी कहीं से भी कंपनी के प्राइवेट क्लाउड से जुड़ सकें और कार्य कर सकें। प्राइवेट क्लाउड सिर्फ किसी एक कंपनी या संगठन का अपना cloud environment होता है, यह पब्लिक के लिए accessible नहीं रहता है। 

Advantages :- 

  • इसमें किसी भी कंपनी या व्यक्ति को एक समर्पित क्लाउड environment मिल जाता है, यानि ऐसा जिसे किसी दूसरे द्वारा एक्सेस नहीं किया जा सकता है। 
  • प्राइवेट क्लाउड होने पर ग्राहक इसमें अपनी अनुसार सुरक्षा नियम तैय कर सकता है, या implement कर सकता है। 
  • यह scalable होता है, यानि भले ही इसमें थोड़ा अधिक खर्चा आता है, लेकिन User इसे अपनी आवश्यकता अनुसार बढ़ा या घटा सकता है। 
  • Dedicated क्लाउड होने के कारण इसकी performance काफी बेहतर होती है। 
  • Dedicated क्लाउड होने के कारण इसमें user को प्राइवेसी के साथ-साथ बेहतर कंट्रोल भी मिल जाता है। 

Public cloud :- यह एक सबसे सामान्य क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर है, जो की हर किसी के लिए उपलब्ध रहता है। पब्लिक क्लाउड को थर्ड पार्टी मैनेज करती हैं, जो की आम पब्लिक को इंटरनेट के माध्यम से विभिन्न क्लाउड सर्विसेज उपलब्ध कराती हैं, जैसे क्लाउड servers, storage, applications, database इत्यादि, यानि इन सभी सर्विसेज का मैनेजमेंट थता मेंटेनेंस थर्ड पार्टी के पास ही होता है। पब्लिक यानि आम लोग या कंपनियां इंटरनेट के द्वारा इन क्लाउड सर्विसेज को access करते हैं, और इनका इस्तेमाल करते हैं, बदले में उन्हें इसके लिए क्लाउड सर्विस देने वाली कंपनी को कुछ monthly या yearly चार्ज pay करना होता है। यह एक बहुत ही बढ़िया सर्विस है, जहाँ पर पब्लिक को अपना इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि पब्लिक क्लाउड सर्विसेज का इस्तेमाल कर कम से कम खर्चे में कार्य शुरू किया जा सकता है। 

Advantages :-

  • यह scalability प्रदान करता है, यानि आवश्यकता होने पर अपनी IT संबंधित जरूरतों को बढ़ाया या घटाया जा सकता है। 
  • इसमें काफी कम लागत आती है, क्योंकि सिर्फ अपनी आवश्यकता अनुसार चार्ज देना होता है। 
  • यह काफी भरोसेमंद होता है, क्योंकि विशाल User base होने के कारण high class सुरक्षा उपाय किये जाते हैं। 
  • इसमें User को अपनी तरफ से किसी प्रकार की maintenance नहीं करनी पड़ती है। 
  • क्लाउड सर्विस की कीमतों में flexibility मिल जाती है, क्योंकि कंपनी यहाँ पर सर्विसेज में फेरबदल कर कीमते तैय करती हैं। 

Hybrid cloud :- हाइब्रिड क्लाउड प्राइवेट थता पब्लिक क्लाउड दोनों का मेल होता है, इसमें दोनों क्लाउड सर्विसेज का पूरा लाभ लिया जाता है, जहाँ कंपनी या संगठन का कोई सवेदनशील कार्य हो तो कंपनी उसे प्राइवेट क्लाउड के अंतर्गत रखती है, वहीँ बाँकी सभी सर्विसेज या कार्यों को पब्लिक क्लाउड पर होस्ट किया जाता है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर एक ही समय में दोनों सर्विसेज का इस्तेमाल किया जा सके।  

Advantages :- 

  • इसमें जहाँ संवेदनशील कार्यों को प्राइवेट रखा जा सकता है, वहीँ सामान्य कार्यों को पब्लिक क्लाउड पर पूरा किया जा सकता है। 
  • ग्राहक में पास एक ही समय पर प्राइवेट थता पब्लिक क्लाउड दोनों की सुविधा उपलब्ध रहती है। 
  • यह काफी flexible होता है, आवश्यकता पड़ने पर पब्लिक थता प्राइवेट क्लाउड दोनों का इस्तेमाल किया जा सकता है। 
  • यह Cost effective है। 
  • इसमें किसी भी समय इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाया या घटाया जा सकता है। 

तो दोस्तों आपने क्लाउड कंप्यूटिंग के बारे में जाना थता private, public और Hybrid cloud को समझा की आख़िर इनके बीच क्या फर्क होता है, और साथ ही इन तीनो के advantages के बारे में भी पढ़ा। हमें उम्मीद है, दी गई यह जानकारी आपके लिए उपयोगी  साबित हुई होगी। 

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