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Thin client in hindi

Thin client in Hindi |Thin client क्या है। | यह कैसे काम करता है।

हैलो दोस्तों आज की इस पोस्ट में आप जानेंगे थिन क्लाइंट क्या होता है, What is Thin client in Hindi और यह किस प्रकार कार्य करता है। 

आपने Thin client कंप्यूटर का नाम तो सुना ही होगा क्योंकि विभिन्न कार्य क्षेत्रों जैसे कॉल सेंटर्स, बैंक, स्कूल इत्यादि में थींन क्लाइंट सिस्टम का काफी ज्यादा उपयोग किया जाता है, इसे अक्सर Ncomputing के नाम से भी पुकारा जाता है, हालाँकि Ncomputing एक कंपनी का नाम है जो थिन क्लाइंट सिस्टम तैयार करती है।   

Thin client एक सर्वर-क्लाइंट मॉडल पर आधारित सिस्टम होता है, इससे पहले की आप थिन-क्लाइंट सिस्टम के बारे में विस्तार से जाने, आपको सर्वर-क्लाइंट मॉडल की भी थोड़ा बहुत जानकारी होनी चाहिए।

सर्वर-क्लाइंट मॉडल में एक सेंट्रलाइज्ड सर्वर कंप्यूटर होता है, जिसे आप मुख्य कंप्यूटर भी कह सकते हैं, और नेटवर्क में मौजूद बाकि सभी कंप्यूटर Client कहलाते हैं, जो की इस मुख्य सर्वर से जुड़े होते हैं, और सभी क्लाइंट कंप्यूटर (सर्वर) के दिशा निर्देशों के अनुसार ही कार्य करते हैं। 

इसके बारे में और अधिक जानने के लिए आप हमारी Client-server model वाली पोस्ट पढ़ सकते हैं। तो चलिए अब जानते हैं थीन क्लाइंट क्या होता है। 

Thin Client क्या है। What is Thin client in Hindi

थिन-क्लाइंट जैसे की इसके नाम से ही पता चल जाता है, की यह एक Client-कंप्यूटर है, जो की resources और डाटा प्रोसेसिंग के लिए पूरी तरह से केंद्रीय सर्वर पर निर्भर रहता है। दूसरे शब्दो में कहें तो Thin-client वह कंप्यूटर सिस्टम है, जिसकी अपनी कोई हार्डडिस्क नहीं होती है, बल्कि वह केंद्रीय सर्वर की हार्डडिस्क, Memory थता stored resources का उपयोग करता है। 

Thin-client कंप्यूटर को उपयोग करने के लिए लोकल एरिया नेटवर्क (LAN) का होना अनिवार्य है, क्योंकि यह लोकल एरिया नेटवर्क में centralized सर्वर से Remotely कनेक्ट होता है, और उसके रिसोर्सेज का उपयोग करता है। थिन-क्लाइंट खुद किसी प्रकार के डाटा की प्रोसेसिंग नहीं करता है, बल्कि इसका काम सिर्फ User interface (UI) प्रदान करना होता है।

थिन-क्लाइंट कैसे सेटअप किया जाता है, और यह कैसे काम करता है।

Thin-client कंप्यूटर में ना ही कोई सॉफ्टवेयर इनस्टॉल किया जाता है, और ना ही यह डाटा को स्टोर या प्रोसेस कर सकता है, लेकिन फिर भी User इसमें एक आम कंप्यूटर की तरह ही कार्य करता है, चलिए जानते हैं कैसे। 

थिन-क्लाइंट environment को तैयार करने के लिए मुख्य तीन चीजों की आवश्यकता होती है, LAN, Centralized server थता Thin-client कंप्यूटर।

इन सभी में सबसे पहले LAN की आवश्यकता पड़ती है, LAN तैयार होने के बाद सेंट्रलाइज्ड सर्वर को सेटअप किया जाता है। सर्वर को हमेशा थिन-क्लाइंट users की संख्या थता उनके द्वारा उपयोग की जाने वाली applications के आधार पर तैयार किया जाता है।

तैयार होने के बाद सर्वर पर एक Unique IP एड्रेस सेट किया जाता है, और Users की आवश्यकता अनुसार दूसरी ऍप्लिकेशन्स भी इनस्टॉल कर दी जाती हैं, थता इन सभी के साथ सर्वर पर थिन-क्लाइंट Server console सॉफ्टवेयर भी इनस्टॉल किया जाता है, यही वह सॉफ्टवेयर होता है जिससे Users सर्वर से जुड़ पाते हैं। 

अगला स्टेप होता है, User account create करने का, यानि सर्वर पर उन सभी users के अकाउंट create कर दिए जाते हैं, जो थिन-क्लाइंट का उपयोग करेंगे। अब सभी थिन-क्लाइंट को LAN से जोड़ दिया जाता है, और सभी पर नेटवर्क से जुड़ा Unique IP एड्रेस सेट कर दिया जाता है।

इसके बाद थिन-क्लाइंट आटोमेटिक ही Server को सर्च कर लेते हैं, या manually भी सर्वर को add किया जा सकता है। अगला स्टेप होता है सर्वर से Connect होने का, तो कनेक्ट पर क्लिक करते ही, वह थिन-क्लाइंट Centralized Server से जुड़ जाता है, और User अकाउंट थता Password की मांग करता है, तो यहाँ पर सर्वर पर Create किया गया संबंधित User name और पासवर्ड डाल दिया जाता है, जिससे User सर्वर पर लॉगिन हो जाता है और अपना काम कर सकता है। 

Thin Client Benefits in Hindi

इसे उपयोग करने के कई फायदे हैं, जिनमे से मुख्य निचे बताए गए हैं। 

  • इसकी खरीद और रखरखाव करना दोनों ही डेक्सटॉप की तुलना में काफी सस्ता पड़ जाता है। 
  • सेंट्रलाइज्ड होने के कारण इन्हे मैनेज करना काफी आसान रहता है। 
  • इन्हे किसी प्रकार के upgradation की आवश्यकता नहीं पड़ती, बल्कि सिर्फ सर्वर को अपग्रेड किया जाता है। 
  • इनका उपयोग किसी प्रकार के वायरस इत्यादि से काफी सुरक्षित माना जाता है। 
  • किसी नए थिन-क्लाइंट को सर्वर से कुछ मिनटों में ही कनेक्ट किया जा सकता है। 
  • User नेटवर्क में कहीं से भी अपना यूजर अकॉउंट लॉगिन कर सकता है। 
  • थिन-क्लाइंट नेटवर्क को सेटअप करना काफी आसान रहता है। 
  • इसके उपयोग से नेटवर्क को unauthorized एक्सेस से बचाया जा सकता है। 

हमें उम्मीद है दोस्तों इस पोस्ट के माध्यम से आपको Thin client की काफी जानकरी हो गई होगी, यदि आपको पोस्ट अच्छी लगी है, तो इस जानकारी को अपने मित्रों तक भी पहुचायें धन्यवाद।

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