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Client-Server model in hindi

क्लाइंट सर्वर मॉडल क्या है? (Client Server Model In Hindi)

आज के इस पोस्ट में आप Client server model के बारे में जानेंगे की आख़िर क्लाइंट सर्वर मॉडल क्या होता है, और यह किस प्रकार कार्य करता है। 

क्लाइंट सर्वर मॉडल क्या है? (Client server model in Hindi)

जैसे की आप इसके नाम से ही अंदाजा लगा सकते हैं की यह एक ऐसा मॉडल है, जिसमे Client और Server की बात हो रही है, इस मॉडल में एक या उस से अधिक कंप्यूटर server की भूमिका में होते हैं, और बाकि सभी कंप्यूटर client की भूमिका में, और सर्वर कंप्यूटर द्वारा क्लाइंट कम्प्यूटरों को कंट्रोल किया जाता है। 

अब आपके मन में यदि सावल उठ रहा है की आख़िर सर्वर-क्लाइंट मॉडल की आवश्यकता क्यों पड़ती है, और यह मॉडल किस प्रकार कार्य करता है, तो आपको बता दें की सर्वर-क्लाइंट मॉडल को networking model या distributed application model भी कहा जाता है, और इस मॉडल का उपयोग Centralized controller के रूप में किया जाता है।

क्लाइंट-सर्वर नेटवर्किंग मॉडल में Server प्रदाता (Provider) की भूमिका में होता है, थता Client निवेदक (Requester) के भूमिका में, यानि जब एक क्लाइंट कंप्यूटर LAN या WAN नेटवर्क पर सर्वर को किसी प्रकार के डाटा के लिए request करता है, तो उस क्लाइंट की request अनुसार सर्वर उसे वह डाटा पैकेट उपलब्ध करा देता है।  

सर्वर-क्लाइंट आर्किटेक्चर में सर्वर Centralized controller का काम करता है, यानि यह खुद से जुड़े क्लाइंट कम्प्यूटरों को कंट्रोल करता है, उनकी request स्वीकार करता है और उसी अनुसार उन्हें जवाब देता है।

Client-कम्प्यूटरों की policy थता सुरक्षा संबधित settings को भी सेंट्रलाइज्ड सर्वर द्वारा ही मैनेज किया जाता है, और इसी तरह से क्लाइंट कंप्यूटर में नए सॉफ्टवेयर पैकेज या अपडेट भी Centralized सर्वर द्वारा ही deploy किए जाते हैं। 

Client-server मॉडल क्या होता है

सर्वर-क्लाइंट मॉडल वह मॉडल है, जो एक LAN, WAN या Internet के माहौल में कार्य करता है, इस मॉडल में एक या उस से अधिक सर्वर हो सकते हैं, जिनसे नेटवर्क पर मौजूद क्लाइंट कम्प्यूटरों को मैनेज किया जाता है, उन्हें resources या services उपलब्ध कराई जाती हैं।

Client क्या है

डिजिटल दुनिया में client से अर्थ उस कंप्यूटर या एप्लीकेशन से है, जिसे सर्वर द्वारा मैनेज किया जा रहा हो। क्लाइंट वह कंप्यूटर होता है जो सर्वर द्वारा प्रदान की जा रही सर्विस या साधनों को ग्रहण करने में सक्षम होता है और उनका उपयोग करता है। 

Server क्या है

इसी तरह से सर्वर एक अच्छे प्रदर्शन वाला वह कंप्यूटर होता है, जो क्लाइंट कम्प्यूटरों को मैनेज करता है, उन्हें information, data या किसी प्रकार की Service उपलब्ध कराता है। सर्वर जैसे फाइल सर्वर, ईआरपी सर्वर, ईमेल सर्वर, डेटाबेस सर्वर इत्यादि। 

Client-server model के उदाहरण

  • क्लाइंट-सर्वर मॉडल का पहला उदाहरण आप Email server से ले सकते हैं, जहाँ पर एक Central location पर ईमेल सर्वर रखा जाता है, जिसे विभिन्न locations (LAN/WAN) से ईमेल एप्लीकेशन द्वारा User’s अपने कंप्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल फोन पर एक्सेस कर पाते हैं, तो यहाँ पर ईमेल सर्वर Centrally implement किया जाता है, और विभिन्न जगहों पर मौजूद (ईमेल क्लाइंट एप्लीकेशन) सर्वर एप्लीकेशन से Authenticate कर ईमेल send या receive कर पाते हैं।

  • क्लाइंट-सर्वर मॉडल का दूसरा उदाहरण आप बड़े LAN नेटवर्क में इनस्टॉल किए जाने वाले Antivirus solution से ले सकते हैं। यहाँ पर किसी एक अच्छे प्रदर्शन वाले कंप्यूटर पर एंटीवायरस सर्वर एप्लीकेशन को इनस्टॉल किया जाता है, इस सर्वर एप्लीकेशन द्वारा क्लाइंट एप्लीकेशन पैकेज को generate किया जाता है,

    फिर इस क्लाइंट पैकेज को LAN पर मौजूद सभी कम्प्यूटरों पर इनस्टॉल कर दिया जाता है, जिससे सर्वर एप्प्लकेशन थता क्लाइंट एप्लीकेशन आपस में संपर्क स्थापित कर पाते हैं, और क्लाइंट एप्लीकेशन किसी भी प्रकार का डाटा जैसे update, settings या alert’s इत्यादि सर्वर एप्लीकेशन से ही प्राप्त करते हैं।

  • इस मॉडल का एक सामान्य सा उदाहरण आप tally erp से भी ले सकते हैं, जहाँ पर एक अच्छे प्रदर्शन वाले कंप्यूटर पर टैली सर्वर एप्लीकेशन को इनस्टॉल किया जाता है, और LAN पर मौजूद कई दूसरे कम्प्यूटरों पर टैली-क्लाइंट एप्लीकेशन को इनस्टॉल किया जाता है।

    फिर इन दोनों एप्लीकेशन (क्लाइंट थता सर्वर) को IP या Server name के द्वारा आपस में जोड़ दिया जाता है, जिससे क्लाइंट एप्लीकेशन सर्वर के कंट्रोल में रहकर प्रोसेस करती है, यानि क्लाइंट एप्लीकेशन का डाटा, सेटिंग्स या अपडेट इत्यादि सर्वर द्वारा ही मैनेज किया जाता है। 

सर्वर क्लाइंट मॉडल यह दर्शाता है, की किस प्रकार एक केंद्रीय सर्वर द्वारा एक या उससे अधिक clients को services या resources उपलब्ध कराई जाती हैं। 

Client-server model के advantages

  • सबसे पहला फायदा इस मॉडल का Centralized होना है, जहाँ पर एक केंद्रीय सर्वर द्वारा नेटवर्क में मौजूद अनेकों client’s को एक साथ मैनेज किया जा सकता है। 

  • यह नेटवर्क मॉडल काफी सुरक्षित होता है, क्योंकि सर्विसेज और रिसोर्सेज को Centrally मैनेज किया जाता है।

  • इसका प्रदर्शन काफी अच्छा होता है क्योंकि इस मॉडल में dedicated server का उपयोग किया जाता है। 

  • इस नेटवर्क मॉडल के लचीला होने के कारण इसमें नए client’s को कभी भी बढ़ाया या घटाया जा सकता है।  

  • इस मॉडल में डाटा centrally स्टोर रहता है, जिससे डाटा की सुरक्षा काफी बढ़ जाती है।  

दोस्तों उम्मीद है Client server model की यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी, यदि इस लेख से जुड़े आपके कोई सवाल हैं, या हमारे लिए कोई सुझाव है तो आप कमेंट द्वारा हमें बता सकते हैं, धन्यवाद। 


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