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Object oriented design hindi

object oriented design in software engineering in hindi

आज का यह पोस्ट सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड डिज़ाइन के बारे में है, Object oriented design (OOD) in software engineering in Hindi, तो सबसे पहले चलिए जानते हैं, की ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड डिज़ाइन होता क्या है?

आसान शब्दों में कहें तो, किसी भी सॉफ्टवेयर प्रोग्राम को develop करने से पहले या code तैयार करने से पहले डेवेलपर्स के  द्वारा Program के structure को समझा जाता है, उसके डिज़ाइन का एनालिसिस किया जाता है, उसका प्लानिंग किया जाता है, ताकि डेवेलपर्स के बीच प्रोडक्ट को लेकर Transparency रहे, और एक दूसरे के सहयोग के साथ Program की quality, उसके design और productivity को बेहतर किया जा सके।

इसी प्रकार से (OOD) Object oriented design भी सॉफ्टवेयर डेवलपमेन्ट से पहले की एक प्रक्रिया है, जिसमे Object oriented approach का उपयोग किया जाता है, और फिर उसी एप्रोच के अनुसार सॉफ्टवेयर को डेवलप किया जाता है, अब यह ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड एप्रोच क्या है, चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं। 

Object oriented design in Hindi | ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड डिज़ाइन क्या है

ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड डिज़ाइन (OOD) किसी सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन को डेवलप करने का एक लोकप्रिय डिज़ाइन Approach है, जिसमें एप्लीकेशन का डेवलोपमेन्ट objects के कांसेप्ट पर किया जाता है, या दूसरे शब्दों में कहें तो OOD में सिस्टम या पुरे सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन को Objects के collection के रूप में देखा जाता है।

(OOD) ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड डिज़ाइन के अंतर्गत objects की डिजाइनिंग, classes तथा classes के बीच का रिलेशनशिप शामिल रेहता है, और इसमें एप्लीकेशन के function’s पर ना ध्यान देकर objects पर ध्यान दिया जाता है। 

(OOD) related Important terms in Hindi

Object :- एप्लीकेशन डिज़ाइन में शामिल सभी entities ऑब्जेक्ट्स केहलाते हैं, उदाहरण के तोर पर जैसे कोई (Person, place और thing) यानि किसी भी चीज का यदि कोई behaviour और structure है, तो वह एक ऑब्जेक्ट केहलाता है। कोडिंग के दृष्टिकोण से कहा जाए तो, data structure, variable, या कोई function एक ऑब्जेक्ट हो सकता है। ऑब्जेक्ट डाटा तथा फंक्शन से मिलकर बना होता है, और प्रत्येक ऑब्जेक्ट के कुछ attributes होते हैं। 

Classes :- क्लास ऑब्जेक्ट्स का वह समूह है, जिनमें common properties होती हैं, यानि एक ही Category के ऑब्जेक्ट्स का (Collection) उनका समूह Class केहलाता है। क्लास उस ब्लूप्रिंट की तरह है, जो किसी object के गुणों (Properties) तथा व्यवहार (behaviour) को define करता है। उदाहरण के तोर पर Car एक क्लास है, जिसमें मारुती की 0532 रजिस्टर्ड नंबर की गाड़ी एक ऑब्जेक्ट है, जो की क्लास Car से संबंध रखती है, इसकी properties इसका make, model, colour है, और इसका behaviour start और stop है। 

Attributes :- ऐट्रिब्यूट्स जो किसी ऑब्जेक्ट के बारे में जानकारी (Information) बताते हों, या केहलीजिये किसी Class की विषेशताओं को describe करते हों, साथ ही वह जानकारी जो एक क्लास को दूसरे क्लास से अलग करती हों ऐट्रिब्यूट्स केहलाती हैं।  

Message :- ऑब्जेक्ट्स के बीच जो संपर्क होता है, वह message पासिंग के द्वारा किया जाता है, जब दो या उस से अधिक ऑब्जेक्ट्स आपस में कम्यूनिकेट करते हैं, तो वे message passing कर रहे होते हैं। ऑब्जेक्ट के बीच message पासिंग तब की जाती है, जब कोई फंक्शन या कार्य को एक्टिवेट होना हो। 

Abstraction :- OOD में abstraction वह प्रक्रिया है, जिसके द्वारा एक programmer जटिलता (Complexity) कम करने और efficiency बढ़ाने के उद्देश्य से ऑब्जेक्ट से जुड़ी सभी गैरजरूरी जानकारीयों को hide कर देते हैं। 

Encapsulation :- यह इनफार्मेशन Hiding कांसेप्ट भी केहलाता है, जिसमे data और method या process को एक सिंगल Unit के रूप में bundle कर दिया जाता है। यह वह तरीका है, जिसके द्वारा एक Object के कंपोनेंट्स को Users के लिए restrict कर दिया जाता है। 

Inheritance :- inheritance वह प्रक्रिया या mechanism है, जिसमे एक Class दूसरे class के गुणों (Attributes), विशेषताओं और Methods को प्राप्त करता है। जैसे की Child class या Sub class, attributes, methods और Characteristics को Super class से प्राप्त करता है, यानि इस प्रक्रिया द्वारा कोई नए object के creation में पहले से तैयार object की properties को inherit करना संभव होता पाता है। 

Polymorphism :- पॉलीमॉरफिस्म किसी object, variable या function के विभिन्न रूपों को लेने के क्षमता को संदर्भित करता है। जिस प्रकार Inheritance के होने से ऑब्जेक्ट या Class एक दूसरे से संबंधित होती हैं, यानि वहां पर ऐट्रिब्यूट्स और मेथड्स दूसरे class से inherit होते हैं, तो पॉलीमॉरफिस्म उन methods का उपयोग कर विभिन्न टास्क परफॉर्म करता है। उदाहरण के तोर पर एक व्यक्ति की एक ही समय पर कई विशेषताएं हो सकती हैं, जैसे वह एक पिता हो सकता है, पति या फिर एक कर्मचारी हो सकता है, यानि व्यक्ति का परिस्थिति अनुसार व्यवहार हो सकता है, और यही Polymorphism केहलाता है। 

 

नोट :- दोस्तों आपने पढ़ा (OOD) ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड डिज़ाइन क्या होता है, Object oriented design in software engineering in Hindi, हमें उम्मीद है, जानकारी आपको ज्ञानवर्धक लगी होगी, जानकारी अच्छी लगी है, तो इसे अपने मित्रों से भी शेयर करें। 

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