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Risk management in Software engineering in Hindi | सॉफ्टवेयर रिस्क मैनेजमेंट

आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में Risk management क्या होता है, Risk management in software engineering in Hindi 

रिस्क मैनेजमेंट को समझने से पहले चलिए जानते हैं, Risk क्या होता है। Risk किसी कार्य या प्रोजेक्ट के भविष्य की अनिश्चित घटनाएं हैं, जिनमे हानि की संभावना हो, यानि समस्या जो वर्तमान में नहीं है, लेकिन भविष्य में वह हो भी सकती है, और नहीं भी।

रिस्क मैनेजमेंट भविष्य में होने वाली हानि की इन्ही संभावनाओं को कम करने की एक प्रक्रिया है, जिसमे आने वाली समस्याओं को Identify करना, उनका analysis करना थता उन्हें eliminate करना शामिल होता है, ताकि उन समस्याओं के कारण चल रहे कार्य या Project को किसी प्रकार का नुकसान ना पहुँच सके।
इसे एक प्रकार की तैयारी भी कहा जा सकता है, जिसके द्वारा आने वाले खतरों की पेहचान की जाती है, उनका आंकलन किया जाता है, और उन पर नियंत्रण किया जाता है। 

अब आपको Risk थता Risk management के बीच का फर्क पता चल गया होगा, तो चलिए जानते हैं, Software risk क्या है, थता सॉफ्टवेयर रिस्क मैनेजमेंट क्या होता है। 

सॉफ्टवेयर Risk क्या है

Software development का क्षेत्र Risk थता अनिश्चितता से भरा हुवा है। यह एक ऐसा क्षेत्र है, जहाँ पर अक्सर नवीनतम तकनीकों पर कार्य किया जाता है, जिसमें High level knowledge की आवश्यकता होती है, और यही कारण है, की सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट में कुछ भी sure नहीं होता है।

सॉफ्टवेयर डेवलोपमेन्ट प्रक्रिया में होने वाले नुकसान की संभावना को ही सॉफ्टवेयर रिस्क कहा जाता है। सॉफ्टवेयर रिस्क को उस घटना की तरह देखा जा सकता है, जिससे सॉफ्टवेयर डेवलोपमेन्ट प्रोजेक्ट की सफलता से समझौता हो सकता है।

यहाँ पर दो तरह रिस्क होते हैं, Internal risk यानि वह रिस्क जिसे कंपनी के भीतर ही project manager द्वारा हैंडल किया जा सकता है, उदाहरण के तोर पर जैसे टेक्निकल समस्या से संबंधित रिस्क हो, या स्टाफ बढ़ाने से संबंधित इत्यादि। External risk यानि वह जो Development team या project manager के कंट्रोल से बाहर हो, जैसे fund की कमी, rule regulation में नए बदलाव इत्यादि।

इसके अलावा भी कई प्रकार के रिस्क शामिल होते हैं, जैसे production cost में वृद्धि हो जाना, अपेक्षा अनुसार सॉफ्टवेयर डेवलप ना हो पाना, समय पर कार्य समाप्त ना होना इत्यादि, यानि किसी सॉफ्टवेयर डेवलपेंट प्रोजेक्ट में ऐसे ढेरों अनिश्चित Risk factors मौजूद होते हैं, जो कभी भी डेवलोपमेन्ट टीम या प्रोजेक्ट मैनेजर के समक्ष उत्पन्न हो सकते हैं। 

सॉफ्टवेयर Risk management क्या है। Software Risk management in Hindi

सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में Risk management को उस process की तरह देखा जा सकता है, जिससे किसी सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट प्रक्रिया या प्रोजेक्ट की lifecycle में उत्पन्न होने वाले Risk factors को identify किया जा सकता है, analyze किया जा सकता है, Monitor किया जा सकता है, थता उन्हें handle किया जा सकता है।  

आसान शब्दों में कहा जाए तो, यह एक प्रक्रिया है, जिसमे पहले से ही अनुमान लगा लिया जाता है, की सॉफ्टवेयर प्रोजेक्ट में किस प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, उनका कैसे पता लगाया जा सकता है, और उन समस्याओं को किस प्रकार समाप्त किया जा सकता है, ताकि प्रोजेक्ट अपनी track में बना रहे, और प्रोजेक्ट में किसी प्रकार की बांधा न उत्पन्न होने पाए।  

सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट प्रक्रिया में उत्पन्न होने वाले रिस्क के निम्न प्रकार हैं। 


Schedule risk:- यदि schedule संबंधित रिस्क पर सही से ध्यान ना दिया जाए तो इसका प्रोजेक्ट के डेवलोपमेन्ट और डिलीवरी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। डेवलपमेंट कार्य के तय समय से पीछे चलने का प्रोजेक्ट की डिलीवरी पर गहरा प्रभाव पड़ता है, और यह project failure का भी कारण बन सकता है। 

Schedule risk के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं। 

  • यदि समय का सही अनुमान ना लगाया गया हो।  
  • यदि अपने resources जैसे staff, skills, systems या Team को सही से ट्रैक ना किया गया हो। 
  • अंतिम समय में सॉफ्टवेयर functionalities में बदलाव या नए functions को add करना हो। 
  • एकाएक प्रोजेक्ट में विस्तार कर दिया जाए। 

Budget risk:- किसी भी प्रोजेक्ट की कामयाबी का अहम हिस्सा होता है, उसका बजट। यदि प्रोजेक्ट बजट को सही से मैनेज ना किया जाए या प्रोजेक्ट के बीच में बजट बढ़ जाए जिसका पूर्व आंकलन ना किया गया हो, तो यह भी प्रोजेक्ट फेलियर का कारण बनता है। इसके लिए आवश्यक है, की finance का सही distribution थता management होना चाहिए।  

बजट रिस्क के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं। 

  • बजट का सही अनुमान ना लगाया गया हो। 
  • बिना प्लानिंग के प्रोजेक्ट में विस्तार कर दिया जाए। 
  • लागत में वृद्धि हो जाए। 

Operational risk:- ऑपरेशनल रिस्क से तात्पर्य कार्य प्रगति के दौरान आने वाले दिन प्रतिदिन के रिस्क से है, जो गलत process implementation के कारण उत्पन्न होते हैं। 

ऑपरेशनल रिस्क के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं। 

  • टीम का विज़न clear ना होना। 
  • सही ट्रेनिंग का ना मिलना। 
  • सही प्लानिंग ना करना। 
  • skilled कर्मचारियों की कमी। 
  • कार्य से संबंधित अपनी जिम्मेदारियों का अहसास ना होना। 
  • टीम के बीच कम्युनिकेशन की कमी। 

Technical risk:- प्रोडक्ट की functionality के सही से काम ना कर पाने या उसके Performance में कमी होने पर टेक्निकल रिस्क उत्पन्न होता है।  

टेक्निकल रिस्क के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं। 

  • Requirements मे बार-बार बदलाव होना। 
  • कुशल कर्मचारियों की कमी। 
  • प्रोजेक्ट के implementation में जटिलता। 
  • Modules का सही integration ना हो पाना। 

External risk:- यह वे बाहरी अप्रत्याशित रिस्क होते हैं, जिनमे प्रोजेक्ट मैनेजर का कोई कंट्रोल नहीं होता है। External risk को किसी organization या project manager द्वारा नहीं कंट्रोल किया जा सकता है, और ना ही इनका पूर्वानुमान लगाया जा सकता है।

एक्सटर्नल रिस्क के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं। 

  • फंड की कमी हो जाने पर। 
  • मार्किट में बदलाव हो जाने पर। 
  • सरकारी नियमों में बदलाव हो जाने पर। 

अंतिम शब्द

दोस्तों आपने पढ़ा सॉफ्टवेयर रिस्क मैनेजमेंट क्या है, Software Risk management in Hindi, यदि यह जानकारी आपको अच्छी लगी है, तो इसे अपने मित्रों के साथ भी शेयर करें और यदि इस पोस्ट से जुड़े आपके कोई सवाल हैं, तो आप कमेंट द्वारा हमसे पूछ सकते हैं।

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