सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट वह प्रक्रिया है, जिसमे प्रोग्रामर्स द्वारा कंप्यूटर प्रोग्राम तैयार किए जाते हैं, इसमें सॉफ्टवेयर का डिज़ाइन, उसका डॉक्यूमेंटेशन, प्रोग्रामिंग, टेस्टिंग इत्यादि जैसे कई process शामिल रहते हैं। एक बढे सॉफ्टवेयर प्रोजेक्ट को modules में तैयार किया जाता है, module पुरे सॉफ्टवेयर का एक हिस्सा होता है, जैसे की कोई एक Software component या कोई function, और विभिन्न modules को मिलाकर ही एक सॉफ्टवेयर तैयार होता है। इन सभी Modules को आपस में Integrate करने की प्रक्रिया को Integration testing के द्वारा पूरा किया जाता है, तो चलिए जानते हैं, इंटीग्रेशन टेस्टिंग क्या होती है, Integration testing in Hindi
इंटीग्रेशन टेस्टिंग क्या है | Integration testing in Hindi
इंटीग्रेशन टेस्टिंग वह सॉफ्टवेयर टेस्टिंग प्रक्रिया है, जिसमे विभिन्न सॉफ्टवेयर modules या components को आपस में integrate कर यानि जोड़कर उन्हें एक group के रूप में टेस्ट किया जाता है, क्योंकि एक सॉफ्टवेयर प्रोजेक्ट को विभिन्न सॉफ्टवेयर modules में तैयार किया जाता है, जो की अलग-अलग programmers के द्वारा coded होते हैं, तो उन सभी software modules के बीच communication होना बहुत जरुरी है।
ऐसे में Integration testing का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना या वेरीफाई करना है, की इंटीग्रेशन के बाद सॉफ्टवेयर पूरी तोर पर सही से काम कर रहा है, या नहीं, और यदि integrate किए गए Software modules के बीच interaction में कही कोई कमी है, तो टेस्टिंग द्वारा उन defects या कमियों का भी पता लगाया जाता है, यानि इंटीग्रेशन टेस्टिंग का लक्ष्य सभी modules के बीच डाटा कम्युनिकेशन को चेक करना है। Integration testing को Unit testing के बाद परफॉर्म किया जाता है।
Types of Integration testing in Hindi
इंटीग्रेशन टेस्टिंग के निम्नलिखित प्रकार हैं।
- Big bang Approach
- Top down approach
- Bottom up approach
- Sandwich approach
तो चलिए विस्तार से समझते हैं, की किस प्रकार इन्हे क्रियान्वित किया जाता है।
Big Bang Integration testing :- बिग बैंग इंटीग्रेशन टेस्टिंग एप्रोच इसे Non incremental approach भी कहा जाता है। इसमें सभी सॉफ्टवेयर modules या Components को एक साथ एक समय पर Integrate कर एक Unit के तोर इसकी टेस्टिंग की जाती है। आमतौर पर इस टेस्टिंग एप्रोच को Smaller सॉफ्टवेयर सिस्टम के लिए ही परफॉर्म किया जाता है, और इसे तभी परफॉर्म किया जाता है, जब सभी module पूरी तरह से डेवलप हो गए हों।
Top-down Integration testing :- टॉप डाउन टेस्टिंग एप्रोच एक Incremental testing Approach है, इसमें आर्किटेक्चर के सबसे top के module से bottom की ओर टेस्टिंग की जाती है, यानि इसमें पहले higher-level के module से शुरुवात की जाती है, और फिर लोअर लेवल module को टेस्ट किया जाता है। इसमें यदि lower level modules या components तैयार नहीं होते हैं, तो tester द्वारा stubs का उपयोग किया जाता है।
Bottom-up Integration testing :- टॉप-डाउन से उलट इसमें Lower-level modules को पहले टेस्ट किया जाता है, जिसकी सफलतापूर्वक टेस्टिंग के बाद हायर लेवल module टेस्टिंग की जाती है, और यह प्रक्रिया तब तक चलती रहती है, जब तक की सभी टॉप लेवल module टेस्ट नहीं हो जाते।
Sandwich Integration testing :- यह top-down और bottom-up टेस्टिंग Approaches का combination है, इसे Hybrid integration testing भी कहा जाता है। इसमें टॉप-लेवल modules को लो-लेवल modules के साथ तथा लौ-लेवल modules को हाई-लेवल modules के साथ एक समय पर टेस्ट किया जाता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
इंटीग्रेशन टेस्टिंग सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और टेस्टिंग चक्र का एक महत्वपूर्ण पार्ट है, जिससे इंटिग्रेटे किए गए Modules के बीच के defects को आसानी से identify किया जाता है। दोस्तों हमें उम्मीद है, integration testing in Hindi की यह जानकारी आपको ज्ञानवर्धक लगी होगी, यदि जानकारी अच्छी लगी है, तो इसे अपने मित्रों को भी शेयर करें।
यह भी पढ़ें :-