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ऑप्टिकल फाइबर क्या है? (Fiber Optic Cable In Hindi) प्रकार और फायदे

क्या आप जानते हैं, optical fiber क्या है, Fiber optic cable in Hindi, इस पोस्ट में आपको ऑप्टिकल फाइबर की पूरी जानकारी मिल जाएगी, Optical fiber या फिर fiber optical ये दोनों एक ही हैं, इसे दोनों नामों से जाना जाता है।

हम सभी जिस इंटरनेट या टेलीकॉम सर्विस का इस्तेमाल करते हैं, उन सब के पीछे High speed optical fiber cable होती है, यह एक तरह से किसी भी नेटवर्क की backbone होती है।

ऑप्टिकल फाइबर का इस्तेमाल High speed data transmission के लिए किया जाता है, और इसके इतनी फ़ास्ट डाटा ट्रांसमिशन स्पीड के पीछे इसकी बनावट और तकनीक है।

ऑप्टिकल फाइबर क्या है? (Fiber optic cable in Hindi)

यह एक पतली और लचीली तार होती है, जो Silica glass या plastic की बनी होती है, यानि इसके अंदर ऐसे कई छोटे और पतले तारो के गुच्छे होते हैं, जिनके द्वारा डाटा ट्रांसमिट होता है, और इसके हर एक रैशे का diameter लगभग एक इंसान के बाल से जरा सा मोटा होता है। 

यदि fiber optical cable की बनावट की बात करें तो इसमें कई layers होती हैं, इसके सबसे अंदर के भाग जिसमे डाटा का प्रवाह होता है, वह सिलिका ग्लास या प्लास्टिक का बना होता है, इसे Core कहा जाता है। 

इसके ऊपर के भाग को Cladding कहते हैं, यह भी सिलिका सामग्री का बना होता है, और उसके ऊपर प्लास्टिक की परत और Kevlar होती है, और फिर सबसे ऊपरी भाग को outer jacket कहते हैं।

यानि Cladding के बाद की परत ऑप्टिकल फाइबर की सुरक्षा को बढाती है, जिसमे जरुरत अनुसार अलग-अलग Fiber cable का चयन किया जा सकता है। जैसे अगर पानी के अंदर बिछाई जनि हो, जमीन के अंदर या फिर खम्बो में तो उसी तरह से इसकी सुरक्षा परतों में भी फेरबदल होता है, और हर स्थिति के लिए यह Cable उपलब्ध रहती है।

ऑप्टिकल फाइबर कैसे काम करती है? (How does optical fiber cable work)

जहाँ किसी भी Copper cable में डाटा ट्रांसमिशन Electronic pulses के रूप में होता है, वहीँ ऑप्टिकल फाइबर में डाटा ट्रांसमिशन Light pulses के रूप में होता है, यानि जब Core सतह में data लाइट के रूप में travel करता है।

तो इसकी बाहरी परत Cladding लाइट को reflect करती है, जिससे लाइट cladding परत से बाहर नहीं जा पाती और आगे बढ़ती चली जाती है, और एक निश्चित दूरी तक जैसे लगभग 100 km, डाटा का ट्रांसमिशन काफी फास्ट बना रहता है, और उसके बाद सिग्नल क्षमता को बनाए रखने के लिए बीच में Amplifiers लगाए जाते हैं, जिससे डाटा ट्रांसमिशन की गति समान बनी रहती है।

ऑप्टिकल फाइबर के प्रकार (Types of Optical fiber cable in hindi)

मुख्य रूप से दो प्रकार की optical fiber cable का इस्तेमाल किया जाता है जो निम्नलिखित हैं।

Single Mode Fiber (SMF) :- Single mode fiber को less reflection mode भी कहा जाता है, क्योंकि इसके Core का diameter काफी कम रहता है, जिससे लाइट की एक single ray द्वारा डाटा ट्रांसमिट होता है। इसमें दूसरे mode की तुलना में less reflection होने पर डाटा लम्बी दूरी तक travel कर पाता है, और साथ ही data loss की मात्रा भी बहुत कम होती है।

Multi mode Fiber (MMF) :- Multi mode fiber में Core का diameter बड़ा होता है, जिससे इसमें एक साथ कई Data lights travel कर पाती हैं, और बड़े diameter होने से reflection भी ज्यादा होता है। इसमें Single mode की तुलना में data loss ज्यादा होने की संभावना रहती है, यानि यह कम दूरी के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

ऑप्टिकल फाइबर के फायदे (Advantage of optical fiber in Hindi)

High Bandwidth :- ऑप्टिकल फाइबर की डाटा ट्रांसमिशन स्पीड कॉपर केबल की तुलना में काफी ज्यादा होती है, जिससे इसमें काफी कम समय में अधिक मात्रा में डाटा ट्रांसमिशन होता है।

Security :- ऑप्टिकल फाइबर मेटल केबल की तुलना में अधिक सुरक्षित होती है, क्योंकि इसमें काफी ज्यादा सुरक्षा परतें होती हैं, और डाटा भी लाइट के रूप में ट्रांसफर होता है।  जिससे डाटा से छेड़ छाड़ करना इतना आसान नहीं रहता यानि यह एक अधिक सुरक्षित डाटा ट्रांसमिशन का जरिया है।

Low power loss :- ऑप्टिकल फाइबर में पावर लॉस ना के बराबर है, जिसके फलस्वरूप डाटा लम्बी दूरी तक ट्रांसमिट हो पाता है, और डाटा की स्पीड भी समान बनी रहती है।

Electronic Isolation :- कॉपर केबल के मुकाबले ऑप्टिकल फाइबर में इलेक्ट्रिकल शार्ट सर्किट का कोई खतरा नहीं होता है, क्योंकि इसके भाग सिलिका ग्लास और प्लास्टिक का बना होता है, जो इसे इलेक्ट्रिकल खतरों से से दूर रखता है।

ऑप्टिकल फाइबर के नुकसान (Disadvantage of optical fiber in Hindi)

Expensive Cost :- ऑप्टिकल फाइबर केबल मेटल केबल की तुलना में अधिक महंगी पड़ती है, और इसके कनेक्शन में उपयोग होने वाले उपकरण भी दुसरो की तुलना में महंगे पड़ते हैं।

Splicing issue :- यदि कभी वायर्स के बीच में जॉइंट लगाना हो या रिपेयर करना हो तो यह काफी मुश्किल हो जाता है, और इसके लिए splicing machine का इस्तेमाल किया जाता है।

Expensive Installation :- ऑप्टिकल फाइबर के उपकरणों के साथ-साथ इसकी इंस्टालेशन भी काफी महंगी पड़ती है, और इसके लिए प्रशिक्षित लोगों की जरुरत पड़ती है।

ऑप्टिकल फाइबर का इतिहास (History of Optical fiber in Hindi)

ऑप्टिकल कम्युनिकेशन पर शोध की शुरुआत 1880 में Alexander Graham bell द्वार Photophone के रूप में हो गयी थी, जिसमे photophone द्वारा ध्वनि लाइट बीम के रूप में प्रवाहित होती थी लेकिन जब कभी बादल होते थे, तो यह काम नहीं करता था।

इसके बाद 1975 में इसमें हुए अनुसंधान के बाद पहली व्यवसायिक फाइबर ऑप्टिक संचार प्रणाली विकसित हुई और इसमें नए नए अनुसंधान होते गए, और उसी अनुसार इसका ट्रांसमिशन करने का दायरा भी बढ़ता चला गया। 
 
इसी के फलस्वरूप आज दुनियाभर में फाइबर ऑप्टिकल केबल का जाल बिछा हुवा है और इसका इतना विशाल नेटवर्क है।

अंतिम शब्द

तो दोस्तों आपने ऑप्टिकल फाइबर की जानकारी पढ़ी, यह क्या होती है (fiber Optic cable in hindi) और इसकी बनावट केसी होती है। साथ ही इसके इतिहास और वर्तमान के बारे में भी आपने जाना।

हमें उम्मीद है, इस पोस्ट से आपको ऑप्टिकल फाइबर केबल की अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त हो गयी होगी। यदि जानकारी आपको अच्छी लगी है तो, इसे आप अपने मित्रो के साथ भी जरूर शेयर करें धन्यवाद।

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This Post Has 9 Comments

  1. Amit Kumar

    Good

    1. Gethow

      घन्यवाद अमित

  2. Ankit singh

    Very good

  3. Sir please give a upp modal paper

    मुझे बहुत अच्छा लगा।

    1. Yashpal

      Thanku. Valuable knowledge ji

  4. sunil gupta

    very good,nice to cover this topic.
    thank u very much.

  5. Babu lal

    Bahut acha laga
    thanks

  6. Atul

    Bahut achaa yaar bro but yaar telecommunication ka paper ma vi questions daalo pliss 9th.10th.+1.+2 ka

  7. Harsh patel

    Thank you for this information. This post boost my technical knowledge.

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