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Decision tree in hindi | Decision tree in machine learning in hindi

हेलो दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम Decision tree के बारे में समझेंगे, डिसिशन ट्री क्या होता है, Decision tree in hindi और यह कैसे काम करता है। आपको बता दें, डिसिशन ट्री एक Graphical Representation है, जिसके द्वारा decision making आसान हो जाती है, जहाँ पर इससे पता लगाया जा सकता है, की किसी एक Problem के क्या-क्या संभावित Solutions या Outcome हो सकते हैं, तो चलिए डिसिशन ट्री को विस्तार से समझते हैं। 

डिसिशन ट्री क्या होता है | Decision Tree In Hindi

डिसिशन ट्री को बनाने के लिए CART अल्गोरिथम का उपयोग किया जाता है, यानि Classification and Regression tree अल्गोरिथम। Decision tree एक Supervised मशीन लर्निंग टेक्निक है, जिसका उपयोग Classification और Regression task के लिए किया जाता है, हालाँकि इसका अधिक उपयोग क्लासिफिकेशन टास्क में ही होता है, इसे tree structured classifier भी कहते हैं। 

आसान शब्दों में कहें तो, जब डाटा की मात्रा काफी अधिक हो, उसका एनालिसिस करना हो, उसे श्रेणियों में बाँटना हो, और उसका मुल्यांकन करना हो, जो की manually संभव नहीं है, तो ऐसे में Decision tree का उपयोग किया जाता है। 

डिसिशन ट्री अल्गोरिथम को मुख्य रूप से डाटा को categories करने और पिछले परिणामों के आधार पर संभावित परिणाम predict करने के लिए उपयोग में लाया जाता है। क्योंकि यह एक supervised मशीन लर्निंग टेक्निक का हिस्सा है, तो इसमें model को पहले ट्रेनिंग डाटा के आधार पर डेवेलोप किया जाता है, ताकि तैयार model डाटा को categories कर सके, और दिए गए डाटा के response को Predict कर सके। 

हालाँकि इसका predication हर बार बिलकुल accurate नहीं होता है, लेकिन क्योंकि डिसिशन ट्री इंसानी सोच का अनुकरण करता है, तो data scientist के लिए मॉडल द्वारा प्राप्त result को समझ पाना आसान हो जाता है, और उसी के आधार पर डाटा साइंटिस्ट निर्णय ले पाते हैं। 

Decision tree कैसे काम करता है

डिसिशन ट्री के काम करने के तरीके को समझने से पहले चलिए इसमें उपयोग किए जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण शब्दों को समझ लेते हैं। 

  • Root Node:- रुट नोड डिसिशन ट्री का base होता है, जहाँ से डिसिशन ट्री स्टार्ट होता है। 

  • Decision node :- रुट नोड को विभाजित करने के बाद जो नोड निकलते हैं, उन्हें डिसिशन नोड कहा जाता है, यानि जब एक sub-node अगले sub-nodes में विभाजित होता है, वह डिसिशन नोड केहलाता है। 

  • Leaf node :- लीफ नोड अंतिम आउटपुट नोड होता है, जिसे आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है। 

  • Splitting :- एक नोड को विभिन्न सब-नोड्स में विभाजित करना splitting केहलाता है।

  • Pruning :- डिसिशन ट्री में से अनचाही शाखाओं को हटाना pruning केहलाता है। 

डिसिशन ट्री एक पेड़ के आकर की संरचना तैयार करता है, जिसमे सबसे ऊपर के नोड को यानि ट्री के बेस को root node कहते हैं, और फिर रुट नोड से निकलने वाली शाखाओं को Decision node कहा जाता है, यानि जहाँ से भी branches निकलती हैं, वे सभी Decision node केहलाती हैं।

अंत में Leaf node जो की decision node से निकलता है, यानि Split होता है, जिसके आगे कोई branches या sub nodes नहीं होती हैं, वे लिए गए उन Decisions के परिणामों को प्रदर्शित करने का काम करती हैं, कहा जाए तो, हर एक decision node एक प्रकार का test करने का काम करता है, जिसका परिणाम leaf node पर प्रदर्शित होता है। 

जब एक un labelled, unknown डाटा सेट को ट्री स्ट्रक्चर्ड Classifier में input किया जाता है, तो यह classifier तैय rules के अनुसार, यानि जो भी ट्रेनिंग डाटा में इसने सीखा है, उसके अनुसार यह उस डाटा की Classification कर देता है, जैसे की ऊपर बताया गया है, की यह डाटा के क्लासिफिकेशन के लिए हर Decision node पर एक प्रकार का test perform करता है, और उस टेस्ट के आधार पर Splitting होती है, जिसके बाद अंत में Leaf node पर उसका Result निकल कर आ जाता है। 

 

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