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Agile model kya hai | Agile सॉफ्टवेयर डेवलोपमेन्ट सिद्धांत क्या है | Agile in hindi

इस पोस्ट में आप जानेंगे Agile model kya hai, Agile Model in Hindi थता (agile software development) क्या है। आज सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में बहुत तेजी से बदलाव हो रहे हैं, अगर कोई App या software आज बनता है, तो आने वाले एक साल बाद उसमे काफी बदलाव दिख जाते हैं, या user’s की जरुरत अनुसार उसमे नए features add कर दिए जाते हैं। 

कहने का मतलब है, की सॉफ्टवेयर या App development एक ऐसा छेत्र बन गया है, जिसमे निरंतर बदलाव की जरुरत पड़ती है और अगर कोई नया सॉफ्टवेयर develop करना हो तो उसे customer’s की मांग अनुसार कम समय में तैयार करना पड़ता है। 

ऐसे में सवाल उठता है की development project में लगने वाले समय को कैसे कम किया जाए ?  तो यहाँ पर Agile software development का इस्तेमाल किया जा सकता है। आइए बिलकुल सरल शब्दो में समझते हैं Agile kya hai

Agile मॉडल क्या है | Agile Model in Hindi

Agile एक कार्यप्रणाली है, जिसमे कुछ मूल्यों और सिद्धांतों के अनुसार कार्य किया जाता है। मुख्यतः Agile कार्यप्रणाली Software development पर इस्तेमाल होती है, जिसमे किसी Software development संबंधित project को छोटे भागो में user की प्राथमिकता अनुसार काफी जल्दी और तेजी से उपलब्ध करा दिया जाता है। 

यानि इसमें ऐसा नहीं है, की जब कोई सॉफ्टवेयर पूरा तैयार हो जाएगा तो ही user उसे उपयोग में ला सकेगा, बल्कि user की प्राथमिकता को समझकर पहले सॉफ्टवेयर के उन features को कार्य में लाया जाता है, जिनकी अधिक आवश्यकता है, और फिर बहुत ही कम समय में बचे हुए बाकि कार्य को भी पूरा कर दिया जाता है।

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Agile model कैसे कार्य करता है

Agile कार्यप्रणाली में सबसे पहले User की Software project संबंधित प्राथमिकता को face to face बातचीत द्वारा समझा जाता है, और उसी अनुसार प्रोजेक्ट को छोटे भागो में divide कर दिया जाता है। इसे Agile software development model में User stories कहते हैं।

इसके बाद developers user की सबसे पहली जरूरतों के अनुसार उन features यानि user stories पर कार्य करते हैं, जिसमे हर भाग को तैयार करने की एक deadline होती है, और डेडलाइन के अंदर ही उस भाग को तैयार कर user को दे दिया जाता है, ताकि user सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल शुरू कर सके। 

User के इस्तेमाल के बाद सॉफ्टवेयर का वह भाग पूर्ण रूप से check हो जाता है, क्योंकि यूजर उस सॉफ्टवेयर का उपयोग तो कर ही रहा होता है, और साथ ही developers team द्वार भी feedback लिया जाता है। यदि user कोई बदलाव चाहता है, तो Developer team user की जरुरत अनुसार सॉफ्टवेयर में बदलाव भी कर देती है। 

इस प्रकार लगातार सॉफ्टवेयर को छोटे भागो में तैयार करके user को उपलब्ध करा दिया जाता है और पुरा प्रोजेक्ट काफी कम समय में पूरा हो जाता है।

Agile model के 12 सिद्धांत kya hai

Agile model के 12 सिद्धांत हैं, जिनके अनुसार यह मॉडल कार्य करता है।

Customer की संतुष्टि :- working software की लगातार customer को डिलीवरी देते रहना ताकि कार्य चलता रहे और Deadline के अंदर ही customer को पुरे सॉफ्टवेयर की डिलीवरी कर देना जिससे customer संतुष्ट रहे।

बदलाव के लिए तैयार रहना :- Customer अनुसार development stage में किसी बदलाव की जरुरत है, तो उसमे बदलाव करना।

समय समय पर product की डिलीवरी देते रहना :- सॉफ्टवेयर के छोटे हिस्से तैयार करके customer को देते रहो ताकि Customer उस पर काम करके feedback देता रहे।

प्रेरित टीम के साथ कार्य करो:- प्रोजेक्ट पर काम हमेशा प्रेरित developers के साथ बैठकर करो ताकि कार्य करने में उत्साह बना रहे।

कार्य की गति तेज और समान बनी रहे :-प्रोजेक्ट में होने वाली तेजी में कमी नहीं बल्कि बढ़ोतरी होनी चाहिए यानि इस सप्ताह अगर 20 प्रतिशत कार्य हुवा है, तो आगे 20 या उससे अधिक होना चाहिए, ताकि समय पर सॉफ्टवेयर की डिलीवरी करि जा सके।

Customer और developers को पुरे प्रोजेक्ट के दौरान निरंतर मिलकर काम करना है :- business owner और software developer को लगातार साथ में मिलकर काम करना है, ताकि मांग अनुसार और समय पर सॉफ्टवेयर बन सके। 

चलते हुवे सॉफ्टवेयर से ही कार्य की प्रगति मापी जा सकती है :- सॉफ्टवेयर का जो भाग बन चूका है, वह चलना चाहिए इसी से कार्य की गति को मापा जा सकता है।

face to face बातचीत:-डेवलोपमेन्ट संबंधित कोई में message अगर शेयर करना है, तो आपस में बातचीत से ही किया जाए ताकि कोई भी loose point की जगह न बन सके।

Product की टेक्निकल detail और सिद्धांतो पर ध्यान रखना :-लगातार डेवलोपमेन्ट पर ध्यान रखना यानि जो सॉफ्टवेयर develop हो रहा है, उसमे तेजी बनी रहे और वह सही थता सिद्धांतो पर खरा होना चाहिए।

Simplicity:-

कार्य को बड़ा करके न देखना यानि सिर्फ उन पॉइंट्स पर ध्यान देना जिससे पुरे कार्य पर प्रभाव पड़े और पुरे हो गए कार्यो और बचे कार्यो का टीम को पता रहे।

एक अच्छा कार्य खुद निर्णय लेने वाली टीम द्वारा संपन्न होता है :-डेवलोपमेन्ट टीम में सभी individuals self organizing होने चाहिए यानि जो कार्य के प्रति खुद से निर्णय ले सके और independent हो।

कार्य सम्बन्धी निरंतर बातचीत होनी चाहिए :- हर छोटे अंतराल में डेवलपमेंट टीम आपस में बैठेंगी और बातचीत करेंगी की कैसे कार्य को और भी प्रभावी बनाया जाए।

Agile model के 3 फायदे kya hai

Product की उन्नत quality :-Agile कार्यप्रणाली में development के दौरान प्रोडक्ट पर regular निगरानी रखी जाती है, जिससे प्रोडक्ट की कार्यक्षमता का पता चलता रहता है, और कोई भी कमी होने पर प्रोडक्ट मालिक के पास उसमे बदलाव कराने का विकल्प बना रहता है। डेवलपमेंट टीम को भी अपने बनाए गए प्रोडक्ट की कमियों का पता चलता रहता है, जिसके परिणामस्वरूप  प्रोडक्ट की quality बेहतर मिल पाती है।


Customer की संतुष्टि :-प्रोडक्ट के डेवलपमेंट में product owner भी पूरी तरह से जुड़ा रहता है और डेवलेपमेंट process की पूरी स्तिथि owner के सामने होती है। प्रोडक्ट के असली रूप में आने से पहले ही owner उसे छोटे भागो में टेस्ट कर लेता है और अपने अनुसार प्रोडक्ट में बदलाव के लिए बोल सकता है, जिससे customer को अपने प्रोडक्ट के प्रति संतुष्टि बनी रहती है।


कम जोखिम :-Agile में जोखिम बहुत कम हो जाता है, क्योंकि पूरा डेवलप होने से पहले ही प्रोडक्ट को छोटे हिस्सों में टेस्ट कर लिया जाता है और कोई कमी मिलने पर पहले ही उसमे बदलाव कर दिए जाते हैं, जिससे जोखिम का खतरा न के बराबर हो जाता है।

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Agile model के 3 नुकसान kya hai

ज्यादा समय और मेहनत :- Agile मॉडल में हर छोटे बड़े बदलाव के लिए Owner और Developer के बीच face to face बातचीत होती है, जिससे इसमें समय और मेहनत काफी ज्यादा लगती है।

Documentation की कमी :- Agile मॉडल में डाक्यूमेंट्स पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता जिससे प्रोडक्ट की ज्यादा detailed जानकारी नहीं रखी जा सकती है। इस कारण नए जुड़ रहे members को उस प्रोडक्ट से जुडी सभी features की जानकारी नहीं मिल पाती है, जिससे गलतफहमी और मुश्किल खड़ी हो सकती है।

Project दिशा से भटक सकता है :-product owner से लगातार बातचीत के आधार पर डेवलोपमेन्ट किया जाता है। यदि owner या consumer द्वारा ही अपनी जरुरत को स्पष्ट न किया जाए या उसमे clarity न हो तो ऐसे में प्रोजेक्ट दिशा से भटक सकता है।

Agile SDLC Model निम्नलिखित हैं

Agile के कुछ डेवलोपमेन्ट मॉडल होते हैं, जिनके अंतर्गत अलग अलग projects में इन मॉडल्स को काम में लिया जाता है। 

Crystal
Atern
Feature -Driven development
Scrum
Extreme Programming (XP)
Lean Development
Unified process

अंतिम शब्द

Agile Model in Hindi और agile kya hai, यह तो आप जान ही गए होंगे लेकिन क्या आप जानते हैं, Agile के मूल्यों और सिद्धांतो को सन 2001 में इंडस्ट्री के कुछ बड़े software developers ने एक घोषणापत्र के रूप में निकाला था और इसी घोषणापत्र के नियमो को आपने अभी पड़ा धन्यवाद।










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