दोस्तों क्या आपने क्रिप्टोग्राफ़ी नाम सुना है? और क्या आप इसके बारे में जानना चाहते हैं। यदि हाँ तो आप बिलकुल सही जगह पर आए हैं, इस पोस्ट में आपको क्रिप्टोग्राफ़ी से जुडी पूरी जानकारी मिलेगी जैसे की Cryptography क्या है, What is Cryptography in Hindi, इसके प्रकार कौन से होते हैं और इसकी जरुरत क्यों पड़ती है।
आज के समय में इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल तो आम तोर पर सभी करते हैं, जिसमे खाता धारक इंटरनेट के माध्यम से अपना बैंक अकाउंट कंट्रोल करता है जैसे की पैसे का लेन-देन या खाते से जुड़ी दूसरी गतिविधियाँ।
इसके लिए खाता धारक को अपने बैंक अकाउंट से जुडी महत्वपूर्ण जानकारी बैंक की वेबसाइट पर डालनी पड़ती है, यानि बैंक के साथ अपनी जानकारी शेयर करनी पड़ती है, जैसे अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड का नंबर और पासवर्ड इत्यादि।
तो सोचिए खाता धारक और बैंक के बीच शेयर की गई यह सभी जानकारियाँ कैसे सुरक्षित रहती है, यानि खाता धारक के कंप्यूटर और बैंक के सर्वर के बीच जो भी डाटा शेयर होता है, उसे इंटरनेट पर मौजूद हैकर्स और दूसरे खतरों से कैसे सुरक्षित रखा जाता है।
तो ऐसे में data की security के लिए Cryptography का इस्तेमाल किया जाता है। तो आइए समझते हैं क्रिप्टोग्राफ़ी क्या है।
Cryptography क्या है | What is Cryptography in Hindi
Cryptography में एक Plain text यानि डिजिटल डाटा को code के रूप में बदल दिया जाता है, यानि डाटा को Encrypt कर दिया जाता है।
यह काफी जटिल कोड होते हैं जिन्हे Cipher text कहा जाता है, और एन्क्रिप्ट किये गए इस डाटा को सिर्फ वही व्यक्ति Decrypt कर सकता है, यानि पढ़ और समझ सकता है जिसके पास इसकी डिक्रिप्शन key हो।
Cryptography का क्या इस्तेमाल है। Use of Cryptography
अब सवाल यह उठता है की Cryptography का इस्तेमाल क्यों किया जाता है। चलिए इसे उदाहरण से समझते है।
मान लीजिए यदि आपको अपने बैंक से जुड़ी किसी महत्वपूर्ण जानकारी को इंटरनेट पर मैसेज के माधयम से किसी व्यक्ति तक भेजना है, तो ऐसे में इंटरनेट पर सक्रीय हैकर्स और दूसरे खतरों द्वारा आपके मैसेज को हैक कर उसका गलत इस्तेमाल किया जा सकता है।
लेकिन अगर यहाँ पर cryptography का इस्तेमाल कर मैसेज को भेजा जाता है, तो मैसेज को सुरक्षा प्रदान की जा सकती है, जिससे मैसेज के हैक होने पर भी उसे कोई पढ़ या समझ ना सके।
तो इसी तरह से इंटरनेट पर हमारी किसी भी प्रकार की जानकारी चाहे वह कोई मैसेज हो, बैंक या क्रेडिट कार्ड की जानकारी हो या फिर कंपनी का महत्वपूर्ण डाटा हो, इंटरनेट पर इस प्रकार की किसी भी जानकारी के लेन-देन को सुरक्षा प्रदान करने के लिए Cryptography का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे डाटा सुरक्षित रूप में receiver तक पहुँच सके।
Cryptography के प्रकार | Types of Cryptography in Hindi
क्रिप्टोग्राफ़ी के दो प्रकार होते हैं Symmetric Key Cryptography, Asymmetric key cryptography, इसे (Public key cryptography) भी कहा जाता है, यानि इंटरनेट द्वारा भेजी जा रही जानकारी को सुरक्षा प्रदान करने के लिए यह दो प्रकार के सुरक्षा कवच होते हैं। तो आइये दोनों को समझते हैं।
Symmetric Cryptography :- इसे क्रिप्टोग्राफ़ी का पहला प्रकार कहा जाता है। इसमें पहले डाटा को एन्क्रिप्ट किया जाता है, जिसके लिए Triple DES, AES इत्यादि एल्गोरिथ्म का इस्तेमाल होता है। इसके बाद तय व्यक्ति को डाटा भेज दिया जाता है, जिसमे sender और receiver दोनों के पास डाटा को एन्क्रिप्ट या डिक्रिप्ट करने की एक ही Key होती है और डाटा प्राप्त करने वाला व्यक्ति, key का इस्तेमाल करता है और डाटा को डिक्रिप्ट कर देख और पढ़ सकता है।
Asymmetric cryptography :- असिमेट्रिक क्रिप्टोग्राफ़ी में लगभग सारि प्रक्रिया पहले जैसी होती है, लेकिन इसमें डाटा एन्क्रिप्ट और डिक्रिप्ट करने के लिए एक Key का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, बल्कि इसमें दो Key इस्तेमाल होती हैं Public key और Private key.
यानि हर यूजर के पास दो key उपलब्ध होती हैं, तो Sender द्वारा डाटा को एन्क्रिप्ट करने के लिए receiver की पब्लिक key का इस्तेमाल किया जाता है, ताकि डाटा प्राप्त होने पर receiver अपनी प्राइवेट key से डाटा को खोल और पढ़ सके। इसमें RSA एल्गोरिथ्म का इस्तेमाल किया जाता है, इसे काफी जटिल और सुरक्षित एल्गोरिथम माना जाता है।
Cryptography से जुड़े शब्दो की परिभाषा
Plain text :- एक सामान्य लिखी हुई जानकारी जैसे एक मैसेज जिसे हम पढ़ सकते हैं।
Encrypt :- इसमें लिखे गए शब्दो को कोड में परिवर्तित कर दिया जाता है, जिससे वह पढ़ा या समझा ना जा सके।
Decrypt :- इसमें एन्क्रिप्ट द्वारा कोड में बदली गयी जानकारी को फिर से सामान्य कर दिया जाता है, जिसे पढ़ा और समझा जा सके।
Cipher text :- जब एक Plain text को एन्क्रिप्ट कर कोड में बदल दिया जाता है, उन कोडों को Cipher text कहते हैं।
Key :- महत्वपूर्ण जानकारी जिससे encrypt किए गए डाटा को खोला और देखा जा सकता है, आप इसे एक तरह से चाबी भी कह सकते हैं।
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