You are currently viewing ट्रैफिक शेपिंग क्या है | Traffic shaping in Hindi
traffic shaping in hindi

ट्रैफिक शेपिंग क्या है | Traffic shaping in Hindi

हेलो दोस्तों आज की इस पोस्ट में आप जानेंगे ट्रैफिक शेपिंग क्या है,What is traffic shaping in Hindi,और इसके प्रकार। 

ट्रैफिक शेपिंग क्या है। What is traffic shaping in Hindi

Traffic shaping जिसे पैकेट शेपिंग भी कहा जाता है,यह एक Bandwidth Management तकनीक है,जिसके द्वारा नेटवर्क के ट्रैफिक को Manage व monitor किया जाता है।

ट्रैफिक शेपिंग तकनीक के द्वारा नेटवर्क में उन data packets के flow को सीमित या delay कर दिया जाता है,जो अधिक महत्वपूर्ण ना हों और ऐसे data packets को प्राथमिकता (Priority) दी जाती है,जो बिज़नेस के लिए काफी महत्वपूर्ण है।

यानि इसका उपयोग नेटवर्क के performance को बढाने के लिए किया जाता है,क्योंकि यदि अनचाहे traffic flow को कंट्रोल कर सिर्फ चुंनिदा डाटा पैकेट्स को ही Priority दी जाती है,तो निश्चित ही वह एप्लीकेशन सही work करेगी और नेटवर्क का प्रदर्शन भी बेहतर होगा। 

आइये अब इसे उदाहरण से समझते हैं। 

आज के दौर में जिस प्रकार विभिन्न बड़ी कंपनियों के कार्यों में (Critical applications) का उपयोग किया जाता है, जिनमे जरा सी भी Network delay की गुंजाइस नहीं रहती है,जैसे voice या database इत्यादि से जुड़ी एप्लीकेशन, तो ऐसी बिज़नेस applications को सही रूप से चलाने के लिए Traffic shaping method को कार्य में लाया जाता है,यानि नेटवर्क में इन applications को Priority दी जाती है। 

Traffic shaping में Configured rate के अनुसार ही ट्रैफिक फ्लो करता है,यानि अगर नेटवर्क का ट्रैफिक Configure किए गए rate से slow ट्रांसमिट होता है,तो उसे सामान्य गति देकर आगे भेजा जाता है,और वही अगर ट्रांसमिट स्पीड अधिक फास्ट होती है तो उसे रोक दिया जाता है,जब तक की flow सामान्य स्थिति में ना आए।  

यदि एक LAN और WAN नेटवर्क के बीच ट्रैफिक शेपिंग के महत्व की बात की जाए तो WAN में इसका महत्व अधिक होगा क्योंकि डिवाइस एक दूसरे से काफी दूर हैं,जो की इंटरनेट के माध्यम से कम्यूनिकेट या डाटा ट्रांसफर कर रहे हैं, तो ऐसे में crucial applications जो WAN पर active हैं,उन्हें ट्रैफिक शेपिंग के द्वारा priority दी जाती है,ताकि ऐसी applications पर smoothly काम किया जा सके।  


जब एक नेटवर्क में डाटा के flow को regulate किया जाता है तो इसे data throttling कहा जाता है और नेटवर्क में इस फीचर को Implement करने के लिए मुख्यतः Router या Firewall डिवाइस को इस्तेमाल में लाया जाता है। 

Types of traffic shaping in Hindi

Application based traffic shaping :- सामान्यतः इस प्रकार के ट्रैफिक शेपिंग तंत्र का अधिक उपयोग किया जाता है। इसमें Fingerprinting tools द्वारा डाटा पैकेट से जुड़ी एप्लीकेशन का पता लगाया जाता है,और उसी अनुसार फिर ट्रैफिक शेपिंग policies को implement किया जाता है।  


Route based traffic shaping :- कई एप्लीकेशन प्रोटोकॉल द्वारा एन्क्रिप्शन का उपयोग किया जाता है,जिससे उनके द्वारा ट्रैफिक शेपिंग पॉलिसी को bypass किया जा सके,यानि वो detect नहीं हो पाएँ, तो ऐसी किसी भी एप्लीकेशन को ट्रैफिक शेपिंग पॉलिसी से bypass होने से रोकने के लिए रूट आधारित ट्रैफिक शेपिंग का उपयोग किया जाता है। 



दोस्तों हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके काम आई होगी,यदि जानकारी अच्छी लगी है तो इसे अपने मित्रों के साथ भी शेयर करें। 

Share this:

Leave a Reply