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SSL kya hota hai

SSL Certificate kya hota hai | SSL Certificate कैसे काम करता है | कहाँ से खरीदें

(SSL) का full form होता है, Secure socket layer, SSL एक डिजिटल सर्टिफिकेट है, इस का इस्तेमाल वेबसाइट या किसी एप्लीकेशन की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए किया जाता है। दूसरे शब्दों में कहें तो SSL certificate द्वारा ही किसी website को Http से Https में बदला जा सकता है, जिससे वेबसाइट की सुरक्षा बढ़ जाती है, यहाँ पर https में S का अर्थ है, (Secure) सुरक्षित। यदि 2021 में आप कोई ब्लॉग या वेबसाइट चलाते हैं, तो आपको भी SSL सर्टिफिकेट की जरुरत होगी, तो बिना देर करे चलिए अब विस्तार से समझते हैं, की SSL certificate kya hota hai, यह कैसे काम करता है, और आप free SSL सर्टिफिकेट कैसे प्राप्त कर सकते हैं।  

SSL Certificate kya hota hai | SSL certificate in Hindi

किसी भी ऑनलाइन बिज़नेस को सही रूप से चलाने के लिए जिन सबसे महत्वपूर्ण Components की आवश्यकता होती है, उनमे से एक है, ऑनलाइन trusted environment तैयार करना, जहाँ पर संभावित ग्राहक या खरीदार सुरक्षित रूप से और आत्मविश्वास के साथ खरीदारी कर सके। तो ऐसे में SSL certificate ही ऑनलाइन सुरक्षा की वह निशानी है, जिससे किसी वेबसाइट या एप्लीकेशन के सुरक्षित होने का प्रमाण मिलता है। 

एस-एस-एल सर्टिफिकेट एक प्रकार का डिजिटल सर्टिफिकेट है, जिससे आपकी वेबसाइट या एप्लीकेशन की प्रमाणिकता की गारंटी मिलती है, यानि SSL सर्टिफिकेट के होने से visitors यह पेहचान कर पाते हैं, की हाँ यह वेबसाइट सही और सुरक्षित है। यदि आप ब्राउज़र में किसी वेबसाइट के URL में https देखते हैं, या URL में आपको डोमेन नाम के साथ बंद ताला नजर आता है, जैसे की (https://www.gethow.in) के आगे बंद ताला नजर आता है, तो समझ लीजिये की हाँ यह वेबसाइट SSL certified है, और बिलकुल सुरक्षित है। 

यदि technically बात की जाए तो SSL एक security protocol होता है, जो आपके web browser और web server के बीच एक encrypted link तैयार करता है (वेब ब्राउज़र यानि आपके कंप्यूटर या मोबाइल का इंटरनेट ब्राउज़र और वेब सर्वर यानि जो भी वेबसाइट आप खोल रहे हैं, उसका सर्वर) ताकि दोनों के बीच जो भी डाटा शेयर हो रहा है, या communication हो रहा है, वह सुरक्षित रहे, उसे कोई चुरा या हैक ना कर सके। 

जिस प्रकार आज कल online transections की जाती हैं, जिनमे हम अपने क्रेडिट या डेबिट कार्ड इत्यादि की जानकारी ऑनलाइन डालते हैं, ऐसे में SSL ही वह प्रोटोकॉल होता है, जो हमारे द्वारा शेयर किए जा रहे information, data या communication को सुरक्षित रखता है। हालाँकि अब SSL को एक दूसरे updated प्रोटोकॉल (TLS) Transport layer protocol द्वारा replace कर दिया गया है, लेकिन अभी भी इसे SSL के रूप में ही जाना जाता है, और इसकी कार्यप्रणाली भी लगभग एक जैसी है।  

SSL kaise kaam karta hai

ऊपर आपने पढ़ा SSL kya hota hai, चलिए अब जानते हैं, SSL कैसे काम करता है। SSL protocol का काम यह सुनिश्चित करना है, की ब्राउज़र और वेबसाइट या ईमेल सर्वर और ईमेल क्लाइंट के बीच शेयर किया जा रहा किसी भी प्रकार का डाटा unreadable हो, यानि जिसे बीच में किसी दूसरे द्वारा पढ़ा या समझा ना जा सके, तो चलिए समझते हैं, की यह सब कैसे होता है। 

जब आप अपने इंटरनेट ब्राउज़र पर किसी ऐसी वेबसाइट को access करते हैं, जो की SSL द्वारा सुरक्षित हो, तो ऐसे में आपका ब्राउज़र और वेब सर्वर आपस में SSL connection स्थापित करने या बनाने के लिए एक प्रक्रिया का इस्तेमाल करते हैं, जिसे SSL/TLS handshake कहा जाता है।

इस प्रक्रिया में क्लाइंट और सर्वर यानि आपके वेब ब्राउज़र और वेब सर्वर के बीच एक दूसरे से जुड़ी आवश्यक जानकारी शेयर की जाती है, जिसमे दोनों के SSL certificate की information और साथ ही सर्वर की public key भी शेयर की जाती है, जिसके बाद क्लाइंट द्वारा सर्वर के SSL सर्टिफिकेट को (CA) सर्टिफाइड अथॉरिटी से वेरीफाई किया जाता है, और सब सही पाए जाने पर यह प्रक्रिया आगे बढ़ती है। भले ही ब्राउज़र और वेबसर्वर के बीच होने वाली यह प्रक्रिया आपको पढ़ने में काफी लंबी लग रही होगी, लेकिन असल में यह काफी तेजी से होती है, जहाँ पर इसे पूरा होने में बस कुछ milliseconds ही लगते हैं। 

इसी प्रक्रिया में आगे क्लाइंट एक session key तैयार करता है, और उस key को सर्वर की public key से एन्क्रिप्ट कर सर्वर को भेजता है, जिसके बाद सर्वर क्लाइंट द्वारा प्राप्त की गई उस एन्क्रिप्ट session key को अपनी private key से डिक्रिप्ट करता है, और फिर क्लाइंट को वापस उस session key से एन्क्रिप्ट एक acknowledgment भेजता है, ताकि आगे encrypted session शुरू किया जा सके।

तो इस प्रकार Browser और web server के बीच शेयर होने वाला पूरा डाटा Session key द्वारा encrypt और decrypt होता है। Session key जो की एक एक तैय session के लिए ही वैलिड होती है, और session समाप्त होते ही उस specific key का कार्य समाप्त हो जाता है, इसी प्रकार फिर नया session शुरू होने पर, एक नई session key तैयार होती है।  

आपको बता दें की कोई भी डाटा जिसे यदि Public key द्वारा एन्क्रिप्ट किया जाता है, तो उसे सिर्फ और सिर्फ उसकी private key से ही डिक्रिप्ट किया जा सकता है। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए आप हमारा Public key infrastructure पर लिखा पोस्ट पढ़ सकते हैं। 

आपने जाना किस प्रकार SSL प्रोटोकॉल कार्य करता है, और कैसे SSL सर्टिफाइड वेबसाइट या एप्लीकेशन के होने पर आपके ऑनलाइन डाटा की सुरक्षा बढ़ जाती है। 

SSL certificate kahan se milega

यदि आपका कोई वेबसाइट या ब्लॉग है, जिसे आप SSL Certified करना चाहते हैं, तो ऐसा आप बड़ी आसानी से कर सकते हैं। जब कभी भी आप कोई Hosting सर्विस या domain खरीदते हैं, तो ऐसे में यदि आप चाहें तो उसी कंपनी से SSL service भी खरीद सकते हैं।

आज कल लगभग सभी होस्टिंग कंपनियां जैसे Godaddy, HostGator, Hostinger, BigRock इत्यादि ग्राहकों को SSL सर्विस भी देते हैं, बस आपको इसके लिए सालाना कुछ पैसे देने होते हैं। वहीँ दूसरी और कई ऐसी वेबसाइट भी हैं, जहाँ से यह SSL certificate आप बिलकुल मुफ्त में प्राप्त कर सकते हैं, उनमे से दो मुख्य वेबसाइट Let’s Encrypt और SSL for free, इन दोनों वेबसाइट में जाकर आप अपने ब्लॉग या वेबसाइट के लिए बिलकुल मुफ्त में SSL सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं, और साथ ही SSL install करने का तरीका भी जान सकते हैं। 

एक paid SSL और free SSL का सुरक्षा लेवल लगभग बराबर होता है, बस दोनों के बीच फर्क सिर्फ इतना है, की जहाँ paid SSL में आपको Support मिल जाता है, वहीँ Free SSL में किसी भी प्रकार की सपोर्ट नहीं मिलती है। 

 

तो दोस्तों हमें उम्मीद है, अब आप जान गए होंगे SSL certificate kya hota hai, यह कैसे काम करता है, और किस प्रकार आप अपनी वेबसाइट के लिए SSL सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं। यदि इस पोस्ट से जुड़े आपको कोई सवाल या सुझाव हैं, तो कमेंट कर के हमें जरूर बताएं। 

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