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regression analysis in hindi | Types of regression analysis

आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे रिग्रेशन एनालिसिस क्या होता है, Regression analysis in hindi और इसके types क्या हैं।

चलिए बिज़नेस के उदाहरण से Regression analysis को समझने की कोशिश करते हैं। बिज़नेस में उतार-चढ़ाव आम बात है, लेकिन इस उतार-चढ़ाव के पीछे अनगिनत कारण छुपे होते हैं, यानि बिज़नेस के प्रत्येक पेहलु को अनिगिनत कारण प्रभावित करते हैं, यह कारण कुछ भी हो सकते हैं, जैसे लोकेशन, मौसम, कोई नया मॉडल लॉंच, डिस्काउंट इत्यादि।

तो क्या हो यदि आप उन छुपे हुवे कारणों, प्रत्येक कारक और उत्पाद की बिक्री के बीच के संबंध की पेहचान करना चाहें, उन्हें समझना चाहें जिनसे आपके व्यापार में तेजी आती है, यानि प्रोडक्ट की sale बढ़ जाती है।

तो यह जानने के लिए की प्रत्येक पेहलु आपके बिज़नेस में किस प्रकार प्रोडक्ट की Sale को प्रभावित करता है, इसके लिए आपको एक Statistical analysis method की आवश्यकता होगी, जिसे Regression Analysis कहा जाता है।   

रिग्रेशन एनालिसिस क्या है | Regression analysis in Hindi

रिग्रेशन एनालिसिस एक सांख्यकीय पद्धति (Statistical method) है, जिससे दो या उस से अधिक Variables के बीच के संबंध (Relationship) का पता लगाया जा सकता है, दो वेरिएबल्स के बीच संबध यानि उन variables की पेहचान करना जिनसे दूसरे variable पर प्रभाव पड़ता है।

Regression analysis को सही से समझने के लिए आपको Independent variable और dependent variable की जानकारी होनी चाहिए।

इंडेपेंडेंट वेरिएबल वे कारक हैं, जो डिपेंडेंट वेरिएबल को प्रभावित कर सकते हैं, उदाहरण के तोर पर यदि व्यापार में आप अगले महीने की sales figures को predict करते हैं, लेकिन prediction करना इतना आसान नहीं है, क्योंकि कई कारक हैं, जैसे मौसम, नया मॉडल, कस्टमर सेटिफेक्शन, कॉम्पिटिटर्स, इत्यादि जिनके कारण अनुमानित sales figures प्रभावित हो सकते हैं।

तो यहाँ पर Sales figure (dependent variable) है, और मौसम, नया मॉडल, कस्टमर सेटिफेक्शन, कॉम्पिटिटर्स का काम (Independent variable) हैं, यानि यह इंडेपेंडेंड वेरिएबल्स सेल्स फिगर यानि डिपेंडेंट वेरिएबल को प्रभावित कर सकते हैं। 

किसी बिज़नेस से जुड़े डाटा में Regression analysis method का प्रयोग करने पर उन कारकों का पता लगाया जा सकता है, जिनसे Sales वृद्धि में फर्क पड़ता है। 

Types of Regression Analysis in Hindi

रिग्रेशन एनालिसिस के निम्नलिखित मुख्य प्रकार हैं। 

Linear Regression :- लीनियर रिग्रेशन सामान्य रूप से सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाले रिग्रेशन एनालिसिस मॉडल है। जैसे की इसके नाम से ही स्पष्ट होता है, इसमें सीधी रेखा का उपयोग कर dependent variable (Y) और Independent variable (X) के बीच के relationship का पता लगाया जाता है। लीनियर रिग्रेशन में डिपेंडेंट वेरिएबल continuous होता है, जैसे उम्र, स्पीड या स्टॉक का प्राइस इत्यादि। 

Logistic Regression :- जब डिपेंडेंट वेरिएबल असतत (Discrete) हो यानि 0 या 1, true या false हो, तो ऐसे में लोजिस्टिक रिग्रेशन टेक्निक का उपयोग किया जाता है। दूसरे शब्दों में कहें तो इस तकनीक का उपयोग किसी घटना की संभावना की गड़ना के लिए किया जाता है, जैसे पास/फ़ैल, सही/गलत, हाँ/ना, 0/1 इत्यादि। 

Polynomial Regression :- यह multiple लीनियर रिग्रेशन मॉडल का एक प्रकार है, और इसकी रेखा घुमावदार होती है, यानि इसका उपयोग (Curvilinear) डाटा के लिए किया जाता है। दूसरे शब्दों में कहें, तो सिंपल लीनियर रिग्रेशन टेक्निक का उपयोग सिर्फ वहां किया जा सकता है, जब (Y) और (X) डाटा के बीच का रिलेशनशिप लीनियर हो, लेकिन यदि डाटा non-linier है, तो ऐसी स्थिति में लीनियर रिग्रेशन टेक्निक काम नहीं करेगी बल्कि polynomial regression टेक्निक का उपयोग किया जाएगा। 

Ridge Regression :- रिज रिग्रेशन को L2 रिग्रेशन भी कहा जाता है, रिज रिग्रेशन का उपयोग तब किया जाता है, जब Independent variables के बीच बहुत अधिक Correlation हो, जिसे Multicollinearity कहा जाता है। Multicollinearity की समस्या को कम करने के लिए Regularization का उपयोग किया जाता है, और इसके दो प्रमुख method हैं, Ridge और Lasso रिग्रेशन। Regularization का उपयोग Overfitting की समस्या से निपटने के लिए किया जाता है। 

Lasso Regression :- लासो रिग्रेशन को L1 रिग्रेशन भी कहते हैं, यह भी एक Regularization टेक्निक है। लासो रिग्रेशन का उपयोग भी मॉडल की जटिलता (Multicollinearity) को कम करने के लिए किया जाता है, ताकि prediction को accurate किया जा सके। 

Advantages of Regression analysis in Hindi

आंकड़ों को देखते हुवे पूर्वानुमान लगाना या भविष्यवाणी करना ना सिर्फ किसी बिज़नेस बल्कि सामान्य जीवन में भी फायदेमंद साबित हो सकता है, क्योंकि यह हमें दिशा दिखाने में मदद करते है। व्यापार में आंकड़ों द्वारा पता लगाया जा सकता है, की वे कौन से कारक हैं, जो बिज़नेस के लिए अधिक महत्वपूर्ण हैं, या कीन कारकों को अनदेखा किया जा सकता है, और कैसे वे एक दूसरे से जुड़े हैं।

तो यह सब Regression analysis के द्वारा संभव हो पाता है, तो चलिए रिग्रेशन एनालिसिस के कुछ advantages जानते हैं। 

  • बिज़नेस में होने वाली sales तथा profit का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है। 
  • कोई नया प्रोडक्ट लॉंच करने से पूर्व अनुमान लगाया जा सकता है, की वह प्रोडक्ट मार्किट में चलेगा या नहीं। 
  • किसी प्रोडक्ट की सेल अनुपात का अनुमान लगाया जा सकता है। 
  • ग्राहक द्वारा प्रोडक्ट ख़रीदे जाने की कितनी संभावना है, इसका अनुमान लगाया जा सकता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

आपने पढ़ा रिग्रेशन एनालिसिस क्या होता है, Regression analysis in hindi, साथ ही रिग्रेशन एनालिसिस के types और advantages के बारे में भी आपने जाना। यदि दी गई जानकारी आपको ज्ञानवर्धक लगी है, तो इसे अपने मित्रों के साथ भी शेयर करें। 

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