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Network layer in Hindi | नेटवर्क लेयर क्या है?

हेलो दोस्तों इस लेख में आप जानेंगे नेटवर्क लेयर क्या है? Network layer in hindi और (OSI) ओपन सिस्टम इंटरकनेक्शन मॉडल के अंतर्गत इसके क्या कार्य हैं।

नेटवर्क लेयर क्या है | Network layer in Hindi

यह ओपन सिस्टम इंटरकनेक्शन मॉडल की साथ लेयर्स में से तीसरी लेयर है,जिसका मुख्य कार्य Routing करना और विभिन्न नेटवर्क्स के बीच एक होस्ट से दूसरे तक डाटा पैकेट्स की डिलीवरी करना है,यानि ऐसी कोई भी स्थिति जहाँ पर दो अलग नेटवर्क जुड़े हों वहाँ पर नेटवर्क लेयर कार्य करती है।

इस लेयर की जिम्मेदारी होती है की डाटा पैकेट्स को दो अलग नेटवर्क के बीच स्रोत (Source) कंप्यूटर से गंतव्य (destination) कंप्यूटर तक पहुँचाया जाए जिसके लिए यह Logical address का उपयोग करता है,साथ ही इसके द्वारा पैकेट रूटिंग,ट्रैफिक,और नेटवर्क संकुलन (Congestion) का भी ध्यान रखा जाता है।

यानि यह ट्रैफिक समस्या स्विचिंग,राउटिंग के साथ -साथ गंतव्य (destination) तक पैकेट डिलीवरी के लिए अनेकों मार्गों में से सबसे छोटे मार्ग का चुनाव करता है। नेटवर्क लेयर में मुख्य रूप से IP थता ICMP प्रोटोकॉल का उपयोग होता है।

अब यदि नेटवर्क लेयर के कार्य को एक उदाहरण से समझें तो इसे समझना और आसान हो जाएगा,

जैसे यदि दो कंप्यूटर जो की एक ही LAN नेटवर्क में जुड़े हैं और आपस में डाटा शेयर करते हैं,तो ऐसी स्थति में जब वह दोनों कंप्यूटर एक ही नेटवर्क में हैं तो वे सीधे तोर पर डाटा शेयर कर सकते हैं,यानि यहाँ पर नेटवर्क लेयर की कोई आवश्यकता नहीं पड़ती है।

लेकिन यदि दो ऐसे कंप्यूटर जो बिलकुल ही दो अलग नेटवर्क में उपलब्ध हैं,तो ऐसे में जब सोर्स कंप्यूटर से destination को डाटा भेजा जाएगा तो वहाँ पर सीधे तोर पर रिसीविंग कंप्यूटर से पहले वह मैसेज या डाटा नेटवर्क स्तर पर पहुंचेगा जो की नेटवर्क लेयर प्रक्रिया है।

नेटवर्क लेयर के कार्य | Functions of network layer in Hindi.

नेटवर्क लेयर द्वारा किए जाने वाले मुख्य कार्य इस प्रकार से हैं।

Routing:- यह डाटा पैकेट्स को source से destination तक route करने की एक प्रणाली है। जब नेटवर्क लेयर प्रोटोकॉल द्वारा पैकेट डिलीवरी के समय यह निर्धारित किया जाता है,की स्रोत से गंतव्य तक डाटा पैकेट्स के लिए कौन सा मार्ग सबसे उपयुक्त रहेगा तो नेटवर्क लेयर का यही function राउटिंग कहलाता है।

Logical Addressing:- इंटरनेट की दुनिया में दो प्रकार के एड्रेस होते हैं,पहला है Physical address जो की डिवाइस का Mac एड्रेस होता है,इसे डाटा लिंक लेयर द्वारा इम्प्लीमेंट किया जाता है।

और दूसरा है Logical address यानि डिवाइस का IP address,इसे नेटवर्क लेयर द्वारा इम्प्लीमेंट किया जाता है,जब एक लोकल नेटवर्क क्षेत्र से बाहर लिंक करना हो तो वहां पर लॉजिकल एड्रेस कार्य करता है। नेटवर्क लेयर द्वारा ऊपरी लेयर से प्राप्त पैकेट में हैडर जोड़ दिया जाता है,जिसमे सेन्डर और रिसीवर के लॉजिकल एड्रेस शामिल होते हैं ताकि पैकेट के स्रोत और गंतव्य का पता लगाया जा सके।

Inter networking:- यह एक तरह से नेटवर्क लेयर की सबसे मुख्य भुमका है,जिसके अंतर्गत विभिन्न नेटवर्क के बीच लॉजिकल कनेक्शन तैयार किया जाता है। यानि जब दो बिलकुल अलग नेटवर्क टोपोलॉजी को नेटवर्क डिवाइस के माध्यम से जोड़ा जाता है तो यह इंटर नेटवर्किंग कहलाता है।

Fragmentation:- फ्रेगमेंटेशन की इस प्रक्रिया द्वारा डाटा पैकेट्स को data units मेंबदला जाता है,यानि नेटवर्क लेयर द्वारा डाटा लिंक लेयर को डाटा भेजने से पूर्व यदि पैकेट का आकार बड़ा है तो उसे fragmentation की इस प्रक्रिया द्वारा छोटे टुकड़ों में बदल दिया जाता है,ताकि डाटा लिंक लेयर द्वारा पैकेट्स को आसानी से आगे ट्रांसमिट किया जा सके।

डाटा लिंक लेयर क्या है

अंतिम शब्द

दोस्तों इस लेख में आपने पढ़ा नेटवर्क लेयर क्या है,Network layer in hindi यदि इस टॉपिक से जुड़े आपके कोई सवाल या सुझाव हैं तो आप नीचे कमेंट द्वारा हमें बता सकते हैं।






 

 

 

 

 

 

 

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