You are currently viewing difference between 4g and 5g in hindi | 4G और 5G के बीच अंतर
5G, 4G difference Hindi

difference between 4g and 5g in hindi | 4G और 5G के बीच अंतर

इस पोस्ट में हम 4G और 5G नेटवर्क के बीच के फर्क को जानेंगे, Difference between 4G and 5G in Hindi, हाल ही में 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी हुई है, ऐसे में हमें 4G और 5G के बीच के फर्क को जानना चाहिए। 

हालाँकि भारत में पब्लिक इंटरनेट की शुरुवात 15 अगस्त 1995 को ही हो गई थी, लेकिन सही मायनों में देखा जाए तो इंटरनेट का असल इस्तेमाल 4G नेटवर्क लॉंच के बाद होना शुरू हुवा। भारत में 4G नेटवर्क की शुरुवात पहली बार Airtel द्वारा की गई थी जब शुरुवाती दिनों में dongle और मॉडेम के माध्यम से 4G सेवा का लाभ लिया जा सकता था। 

एयरटेल द्वारा इसे मोबाइल नेटवर्क के लिए उपलब्ध कराने में लगभग दो साल का और अतिरिक्त समय लगा और फिर 2016 में देश के सभी मुख्य टेलीकॉम कंपनियों ने 4G मोबाइल नेटवर्क सेवा शुरू कर दी थी, जिसमे मुख्य तोर पर Reliance Jio ने अपनी बेहतर स्पीड और डाटा की सस्ती कीमतों को लाकर देश में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या में भारी बढ़ोतरी करने का काम किया। यही वह समय था जब भारत में स्मार्टफोन User’s की संख्या में बढ़ोतरी होनी शुरू हुई जो 2019 में रिकॉर्ड तोड़ रही।

देश में इंटरनेट की स्पीड जो शुरुवाती दिनों में सिर्फ कुछ kbps की ही हुवा करती थी, वो आज बढ़कर Mbps हो गई है, और यदि ब्रॉडबैंड की बात की जाए तो स्पीडटेस्ट ग्लोबल इंडेक्स पर ओकला द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट अनुसार भारत में जून 2022 में औसत इंटरनेट स्पीड 48mbps के करीब रही और वहीँ मोबाइल इंटरनेट स्पीड औसतन 14 mbps की रही जो अगस्त 2021 में लगभग 12 एमबीपीएस की हुवा करती थी।  

धीरे ही सही इंटरनेट स्पीड में तेजी आई है, और कहा जा रहा है, की 5G network लॉंच के बाद देश में इंटरनेट की स्पीड वर्तमान स्पीड से लगभग 100 गुना तेज हो जाएगी, लेकिन 5G के आने से इंटरनेट की स्पीड कितनी बढ़ जाएगी यह तो आने वाला समय ही बताएगा। 

तो फ़िलहाल चलिए जानते हैं, आख़िर 5G और 4G के बीच क्या फर्क है, Difference between 4G and 5G in Hindi और क्यों कहा जा रहा है, की 5G के आने से इंटरनेट स्पीड 100 गुना बढ़ जाएगी। 

Difference between 4G and 5G in Hindi | 4G और 5G के बीच अंतर

मोबाइल नेटवर्क या सेलुलर टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में 2G,3G,4G और अब 5G यानि समय के साथ प्रत्येक पीढ़ी (Generation) ने अपनी पिछली पीढ़ी के बेहतरीन गुणों (Qualities) को और अधिक Improve किया है।

इसी प्रकार 4G की तुलना में अब 5G में कई गुना अधिक इंटरनेट स्पीड यानि लगभग 10Gbps से भी अधिक की डाउनलोड स्पीड होने की बात कही जा रही है, और साथ ही 4G में जहाँ नेटवर्क लेटेंसी 40ms की मिल रही है, 5G में वह घटकर 1ms होने की बात कही जा रही है, जिससे delay कम होगा और response में तेजी आएगी, लेकिन कही जा रही बातें कितनी सही होंगी यह तो Full 5G रोलऑउट के बाद ही पता चल सकेगा।    

5G सेलुलर नेटवर्क की 5th Generation है, यानि नेटवर्क की क्रमागत उन्नति में यह पांचवा चरण है, तो पिछली generations में होते आए बदलावों से यह बात तो निश्चित है, की 5th Generation पिछले सभी नेटवर्क जनरेशन से बेहतर होगा, जिससे डाउनलोडिंग, स्ट्रीमिंग और अपलोडिंग स्पीड में वह तेजी देखि जा सकेगी जो पहले नहीं देखि गई है। 

5th जनरेशन के आने से देश में हो रहे अनुसंधानों में तेजी आएगी, downloading, streaming, Gaming तथा Video conferencing के साथ-साथ आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस, सेल्फ ड्राइविंग कार्स और IOT के क्षेत्र में किए जा रहे अनुसंधानों को भी बल मिलेगा, यानि 5G new age technology को grow करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है।  

5G, 4G से क्यों बेहतर है।

5G का अर्थ है, 5th जनरेशन, यह 4G के बाद नया ग्लोबल वायरलेस स्टैंडर्ड है। 5G को ना सिर्फ स्मार्ट फ़ोन्स के लिए बल्कि विभिन्न devices को देखते हुवे डिज़ाइन किया गया है, जहाँ 4G प्रत्येक डिवाइस चाहे वह किसी भी प्रकार का हो सभी को एक समान स्पीड और सर्विस प्रदान करता है, वहीँ दूसरी और 5G जिसे स्मार्ट नेटवर्क भी कहा जाता है, यह डिवाइस तथा उसकी आवश्यकता अनुसार स्पीड और सर्विस प्रदान करता है। 

उदाहरण के तोर पर जैसे एक डिजिटल वाच के लिए 5G सिर्फ उसकी जरुरत अनुसार कनेक्शन प्रदान कर सकता है, वहीँ दूसरी और ओधोगिक रोबोट जिसके लिए अत्यंत हाई इंटरनेट स्पीड और stable performance की आवश्यकता होती है, तो 5G वह speed और Stability भी प्रदान करने में सक्षम है।

4G तथा 5G के बीच सबसे बड़ा difference स्पीड और लेटेंसी का है, स्पीड के चलते जिन 4K videos का experience  आज हर कोई नहीं ले पाता है, 5G में उन्हें एक क्लिक कर आप देख सकेंगे, और लेटेंसी डिवाइस से डिवाइस के बीच कम्युनिकेशन की स्पीड को कहा जाता है, यानि सेल्फ ड्राइविंग कार को stop की कमांड दी और 1ms की लेटेंसी होने से वह कमांड कार तक तुरंत पहुँच गई, यानि click और stop के बीच का समय। 

आने वाले समय में स्मार्ट सिटीज की बात की जा रही है, self driving cars की बात हो रही है, Virtual और  augmented reality की बात हो रही है, यानि प्रत्येक क्षेत्र में digitalization का सहारा लिया जाएगा तो यह सब अभी 5G पर निर्भर है, जिसे 4G नेटवर्क द्वारा execute नहीं किया जा सकता है।  

Difference Between 4G And 5G In Hindi | 4G और 5G के बीच अंतर

S.No4G 5G 
Generationयह 4th जनरेशन नेटवर्क टेक्नोलॉजी है। यह 5th जनरेशन जो की सेलुलर नेटवर्क की नवीनतम टेक्नोलॉजी है। 
Latency इसमें 45 से 60 मिलीसेकंड के बीच लेटेंसी रहती है।  इसमें 1 से 5 मिलीसेकंड की लेटेंसी है। 
Coverage इसका कवरेज एरिया 5G की तुलना में कम है। इसका कवरेज एरिया अधिक है। 
Download Speed  4G में डाउनलोड स्पीड अधिक्तम 14 mbps की है। 5G में डाउनलोड स्पीड 10 से 20 Gbps की है। 
Device Support 4G प्रति वर्ग किलोमीटर में 5G की तुलना में कम संख्या में डिवाइस सपोर्ट करता है।   5G प्रति वर्ग किलोमीटर में 4G की तुलना में अधिक डिवाइस के उपयोग को सक्षम बनाता है।  

5G नेटवर्क के फायदे

5G नेटवर्क के निम्नलिखित लाभ हैं। 

  • 5G फ़ास्ट अपलोडिंग और डाउनलोडिंग को सपोर्ट करता है। 
  • यह नई पीढ़ी की टेक्नोलॉजी को सपोर्ट करता है, जिससे हर क्षेत्र में उन्नति की जा सकती है, और डिजिटल इंडिया के सपने को पूरा किया जा सकता है। 
  • कम लेटेंसी 5G की मुख्य विशेषता है, जिससे डिजिटल कार्यों में तेजी लाकर पैसे की बचत की जा सकती है। 
  • इससे नेटवर्क कवरेज बढ़ेगा जिससे अधिक से अधिक क्षेत्रों तक इंटरनेट सुविधा को पहुँचाया जा सकेगा। 
  • यह सरकार की स्मार्ट सिटीज के प्रोजेक्ट को एक नई ऊर्जा देगा जिससे काम में तेजी आएगी। 
  • 5G का लाभ स्वास्थ्य, शिक्षा, फाइनेंस, निर्माण, परिवहन, कृषि, दूरसंचार, IT यानि प्रत्येक सेक्टर को होगा।  

निष्कर्ष (Conclusion)

दोस्तों हाल ही में देश में 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी हुई है, स्पेक्ट्रम की यह नीलामी अब तक की सबसे बढ़ी स्पेक्ट्रम नीलामी थी, जिसमे रिलाइंस जिओ ने सबसे अधिक बोली लगाकर स्पेक्ट्रम का अधिक्तम हिस्सा लीज पर लिया है, उसके बाद एयरटेल, वोडाफ़ोन और अडानी ग्रुप का नाम है। 

शुरुवाती दौर में 5G की यह सर्विस सिर्फ कुछ चुनिंदा शहरों में ही शुरू की जाएगी, जिसके सफल होने के बाद ही इसे आगे बढ़ाया जाएगा। हालाँकि 5G को पूरा रोल आउट करने में अभी थोड़ा समय लग सकता है, क्योंकि इसके लिए ना सिर्फ एक आम उपभोक्ता को 5G मोबाइल और सिम की आवश्यकता होगी बल्कि कंपनियों को भी अपने पुराने हो चले टावर और सिस्टम को 5G के अनुकूल तैयार करना होगा। 

आपने 5G और 4G के बीच के फर्क को जाना, difference between 4G and 5G in Hindi, उम्मीद है, जानकारी आपको ज्ञानवर्धक लगी होगी। जानकारी अच्छी लगी है, तो इसे दूसरों के साथ भी शेयर करें ताकि अधिक लोगों तक यह जानकारी पहुंच सके। यदि इस पोस्ट से जुड़े आपके कोई सवाल हैं, या सुझाव हैं, तो आप हमें कमेंट द्वारा बता सकते हैं। 

5G टेक्नोलॉजी क्या है, पूरी जानकारी

Share this:

Leave a Reply