You are currently viewing data dictionary in software engineering in hindi
Data Dictionary hindi

data dictionary in software engineering in hindi

इस पोस्ट में हम पढ़ेंगे data dictionary in software engineering, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में डाटा डिक्शनरी क्या होती है, और इसके प्रकार तथा उपयोग क्या हैं?

data dictionary in software engineering in hindi

अपने नाम डिक्शनरी के अनुरूप ही यह एक structured Repository है, जिसमे सिस्टम पर मौजूद डाटा एलिमेंट्स तथा उनकी प्रॉपर्टीज की पूरी जानकारी उपलब्ध रेहती है। दूसरे शब्दों में कहें तो डेटाबेस के अंदर डाटा डिक्शनरी एक ऐसा स्थान होता है, एक फाइल होती है, जिसमे की Metadata स्टोर होता है। metadata यानि वह डाटा जो हमें डेटाबेस में मौजूद मुख्य data को समझने में मदद करता है।

मेटाडेटा भी एक प्रकार का डाटा ही होता है, बस इसके जरिये हमें पता चलता है, की database में किस प्रकार का डाटा स्टोर है, उस डाटा में कितने tables तथा Columns हैं, उसका कितना size है, इत्यादि, तो यह सब हमें मेटाडाटा के द्वारा ही पता चलता है।

मेटाडाटा शब्द का प्रयोग ना सिर्फ डेटाबेस में बल्कि उससे बाहर भी किया जाता है, उदाहरण के तोर पर जैसे यदि आपके कंप्यूटर में कोई फाइल मौजूद है, तो उस फाइल के भीतर तो डाटा है, लेकिन यदि आप उस फाइल की properties चेक करते हैं, जिसमे की उसका name, size, type, creation date, location इत्यादि होता है, तो यह सब Metadata केहलाता है। 

तो कुलमिलाकर data dictionary डेटाबेस के अंदर वह फाइल होती है, जिसमे मेटाडाटा स्टोर होता है, यानि जिसके जरिये हमें डेटाबेस में मौजूद actual data की विस्तृत जानकारी मिलती है। 

types of data dictionary in Hindi

निम्नलिखित दो प्रकार की data dictionary होती हैं। 

Active data dictionary :- एक्टिव डाटा डिक्शनरी को DBMS द्वारा automatically मैनेज किया जाता है, यानि जब भी डेटाबेस में User द्वारा कोई बदलाव किए जाते हैं, उसके Structure या specification में कोई बदलाव होते हैं, तो एक्टिव डाटा डिक्शनरी केस में DBMS द्वारा Metadata को स्वतः अपडेट कर दिया जाता है, यानि DBMS में किए गए बदलाव डाटा डिक्शनरी में Automatically reflect हो जाते हैं। 

passive data dictionary :- एक्टिव डाटा डिक्शनरी की तुलना में पैसिव डाटा डिक्शनरी को थोड़ा जटिल समझा जाता है, क्योंकि इसे हैंडल करना मुश्किल होता है। जब भी डेटाबेस में कोई changes किये जाते हैं, तो पैसिव डाटा डिक्शनरी के केस में उन changes को डाटा डिक्शनरी में manually update करना पड़ता है, ताकि डाटा डिक्शनरी का डेटाबेस के साथ मिलान किया जा सके, तो इस कारण पैसिव डाटा डिक्शनरी के लिए अधिक सावधानी की आवश्यकता होती है। 

नोट :- आपने पढ़ा data dictionary in software engineering तथा इसके types भी आपने पढ़ें, यदि जानकारी अच्छी लगी है, तो दूसरों को शेयर करें और यदि इस पोस्ट से जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो कमेंट द्वारा हमसे पूछ सकते हैं। 

Share this:

Leave a Reply