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सीसीटीवी कैमरा कितने प्रकार के होते हैं | CCTV Camera types in Hindi

आज के इस पोस्ट में आप जानेंगे सीसीटीवी कैमरा क्या होता है, और सीसीटीवी कैमरा कितने प्रकार के होते हैं, साथ ही आप यह भी जानेंगे की किस प्रकार के कैमरे का इस्तेमाल कहाँ किया जाता है।  

पिछले कुछ सालों से भारत में CCTV कैमरा का इस्तेमाल काफी ज्यादा बढ़ा है, पेहले यह सिर्फ कुछ खास सरकारी विभागों, घरों और स्कूलों में ही इनस्टॉल नजर आते थे, लेकिन आज हर गली, घर, दुकान, चौराहे पर CCTV कैमरा लगा होता है, और आने वाले समय में IOT के बढ़ते इस्तेमाल के साथ CCTV कैमरा मार्किट में भी बढ़ोतरी देखि जाएगी। 

इतनी तेजी से CCTV कैमरा मार्किट Grow होने के कई कारण हैं, एक तो यह की सामान्य सीसीटीवी कैमरा सेटअप की कीमत पहले की तुलना में अब सस्ती है, मार्किट में कई विकल्प मौजूद हैं, लोग सुरक्षा के प्रति जागरूक हुवे हैं, टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ा है, और साथ ही Surveillance के क्षेत्र में सरकार द्वारा भी समय-समय पर कई जरुरी कदम उठाए गए हैं। 

आज मार्किट में CCTV के कई प्रकार मौजूद हैं, ऐसे में एक आम व्यक्ति जो अपने घर पर cctv कैमरा तो इनस्टॉल करवाना चाहता है, लेकिन CCTV के बारे में टेक्निकल ज्ञान ना होने के कारण वो अपने उपयोग अनुसार सही सीसीटीवी कैमरा नहीं चुन पाता है।

तो इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको CCTV के उन सभी मुख्य प्रकारों के बारे में बताएंगे जिनका इस्तेमाल आप अपनी जरुरत और बजट अनुसार कर सकते हैं, यानि किस स्थान पर आपको किस कैमरा का उपयोग करना चाहिए यह आप जान सकेंगे। तो चलिए जानते हैं, सीसीटीवी कैमरा कितने प्रकार के होते हैं, Types of CCTV camera in Hindi, लेकिन उस से पेहले आपका यह जानना जरुरी है, की सीसीटीवी कैमरा होता क्या है। 

सीसीटीवी कैमरा क्या होता है | What is CCTV camera in Hindi

CCTV का full form होता है, (Closed circuit television) यानि ऐसा सिस्टम जिसमे मॉनिटर, कैमरा और DVR सभी एक दूसरे से एक स्थान पर वायर या वायरलेस माध्यम से जुड़े हों, तथा प्रत्येक कैमरे से उत्पन्न वीडियो सिग्नल को मॉनिटर पर Real-time या Playback के रूप में देखा जा सकता हो।

सीसीटीवी कैमरा का उपयोग सुरक्षा की जरूरतों को ध्यान में रखकर किया जाता है, यानि किसी भी आपराधिक गतिविधि का पता लगाने, उसकी छानबीन करने तथा आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए CCTV कैमरा इनस्टॉल किए जाते हैं। यही नहीं बल्कि घर, ऑफिस, स्कूल, सार्वजानिक स्थानों की निगरानी के साथ-साथ ट्रैफिक उल्लंघनों का पता लगाने के लिए भी सड़कों पर जगह-जगह सीसीटीवी इनस्टॉल किए जाते हैं। 

एक सिसिटीवी सेटअप में कई डिवाइस, वायर्स, तथा कंपोनेंट्स शामिल रहते हैं, जैसे cctv camera, DVR या NVR, storage device, monitor, Router, Power supply या Switch, Connectors, wires इत्यादि और उपयोगकर्ता की जरुरत अनुसार इन devices में थोड़ा बहुत बदलाव भी किए जा सकते हैं, लेकिन एक सामान्य कैमरा सेटअप में इन सभी उपकरणों का उपयोग किया जाता है।

जिस स्थान की सुरक्षा बढ़ानी हो वहाँ अंदर और बाहर सीसीटीवी कैमरा इनस्टॉल कर दिए जाते हैं, जिसके बाद उपयोगकर्ता उस स्थान की Real-time वीडियो तो देख ही सकता है, साथ ही यह पूरी वीडियो DVR या NVR से जुड़ी harddisk में भी स्टोर होती रहती है, जिसे Playback द्वारा बाद में भी देखा जा सकता है। 

सीसीटीवी कैमरा कितने प्रकार के होते हैं | Types of CCTV camera in hindi

CCTV कैमरा के कई प्रकार होते हैं, और इनका उपयोग परिस्थिति अनुसार अलग-अलग स्थानों पर किया जाता है, लेकिन अधिक्तर लोगों को यह जानकारी नहीं होती है, और वे हर जगह एक ही प्रकार के कैमरा का इस्तेमाल करते हैं, जिसके कारण उन्हें वे Result नहीं मिल पाते हैं, जिसकी वे कल्पना करते हैं। 

तो चलिए जानते हैं, CCTV कैमरा कितने प्रकार के होते हैं, Types of CCTV camera in hindi, और कैमरा के प्रकार अनुसार उनका इस्तेमाल कहाँ किया जा सकता है। 

सीसीटीवी कैमरा के प्रकार 

टेक्नोलॉजी के आधार पर देखा जाए तो सीसीटीवी कैमरा के मुख्य तीन प्रकार होते हैं। 

  • Analog Camera :- एनालॉग कैमरा का उपयोग पेहले के समय में किया जाता था, जब सीसीटीवी मार्किट आज की तरह डिजिटल नहीं था। एनालॉग कैमरा में वीडियो और पिक्चर क्वालिटी उतनी बेहतर नहीं होती है, जितनी आज है। इस प्रकार के कैमरा में picture quality या Image resolution जो कैमरा capture कर सकता है, उसे TVL के रूप में मापा जाता है, जैसे 420 TVL, 480, 650 या 7oo tVL, यानि जितने अधिक TVL का कैमरा होगा उसकी पिक्चर क्वालिटी उतनी बढ़िया होगी। 

    एनालॉग कैमरा के सेटअप में प्रत्येक कैमरा Coaxial cable के द्वारा DVR से सीधे कनेक्ट रेहता है, जहाँ पर कैमरा वीडियो को capture करता है, और फिर उस कैप्चर किए गए वीडियो या इमेज को कोएक्सिअल केबल के द्वारा DVR तक भेजता है। इसके बाद DVR विभिन्न कैमरा से प्राप्त उन videos को प्रोसेस करता है, और अंत में हमें एक तैयार वीडियो देखने को मिलती है, लेकिन उस वीडियो की Clarity आज की तुलना में काफी हलकी होती है।  

  • Analog HD camera :- एनालॉग HD कैमरा भी एनालॉग कैमरा फैमिली का ही सदस्य है, लेकिन इसकी वीडियो क्वालिटी सामान्य एनालॉग कैमरा से कई गुना बेहतर होती है, यानि यह High Definition वीडियो रिकॉर्ड करता है। एनालॉग HD कैमरा की कैमरा क्षमता को Megapixel में मापा जाता है, जैसे 1MP, 2MP, 4MP इत्यादि यानि कैमरा जितने अधिक मेगापिक्सेल का होगा उसकी वीडियो क्वालिटी उतनी बढ़िया और बेहतर होगी।

    इसका सेटअप भी सामान्य एनालॉग कैमरा की ही तरह किया जाता है, जहाँ पर प्रत्येक कैमरा कोएक्सिअल केबल के द्वारा DVR से जुड़ा होता है, और कैमरा द्वारा कैप्चर की गई वीडियो और इमेज केबल के माध्यम से DVR तक पहुँचती है, और फिर DVR उस डाटा को प्रोसेस करता है। आज के समय में यदि आप Non IP कैमरा लगाते हैं, तो वहां पर आप HD analog कैमरा का ही इस्तेमाल करते हैं। 

  • IP Camera :- इसे टेक्निकल रूप से सबसे बेहतरीन कैमरा माना जाता है, जिसकी picture quality, Clarity और Stability दूसरे सभी कैमरा से बेहतर होती है। IP यानि इंटरनेट प्रोटोकॉल कैमरा जो की IP network पर वीडियो फुटेज को सेंड और रिसीव करता है, फिर भले ही वह LAN हो या Wireless LAN हो। IP कैमरा को CAT6 केबल या wireless के द्वारा सेटअप किया जा सकता है, जहाँ पर इसके लिए पहले LAN नेटवर्क को तैयार किया जाता है। 

    इस कैमरा की खासियत यह होती है, की यह केमरा बिना वीडियो की गुणवत्ता को कम करे, स्वतः ही वीडियो को कंप्रेस कर सकता है। जिस प्रकार analog कैमरा में वीडियो रिकॉर्डिंग के लिए DVR (Digital video recorder) का उपयोग किया जाता है, उसी प्रकार IP कैमरा में रिकॉर्डिंग के लिए NVR (Network video recorder) का उपयोग किया जाता है। 

ऊपर बताए गए सीसीटीवी कैमरा के तीन मूल प्रकार हैं, जिसमे Analog camera जो की कम रेसोलुशन का और सस्ता कैमरा होता है, इस प्रकार के कैमरा इस इस्तेमाल पहले के समय में किया जाता था। दूसरा HD analog camera जो की हाई और लौ रेसोलुशन दोनों में उपलब्ध होता है, और यह ना अधिक सस्ता और ना अधिक महंगा बल्कि ठीक-ठाक कीमत पर मिल जाता है, और इस प्रकार के कैमरा का इस्तेमाल काफी ज्यादा किया जाता है।   

वही अंत में IP Camera जो की IP नेटवर्क पर आधारित कैमरा होता है, यह नवीनतम टेक्नोलॉजी पर आधारित डिजिटल कैमरा है, इसकी कीमत बाकि सभी प्रकार के कैमरा से थोड़ा ज्यादा होती है, लेकिन IP कैमरा की गुणवत्ता भी बाकि कैमरा प्रकार से अच्छी होती है। हर प्रकार से बेहतरीन होने के कारण IP कैमरा का इस्तेमाल भी काफी ज्यादा किया जाता है। 

अब आपको टेक्नोलॉजी के आधार पर CCTV कैमरा के Types की जानकारी हो गई होगी, तो चलिए अब डिज़ाइन और उपयोग के आधार पर कैमरा के प्रकार जानते हैं। 

डिज़ाइन और उपयोग के आधार पर सीसीटीवी कैमरा कितने प्रकार के होते हैं

Dome Camera :- जैसे की इसके नाम में ही है, यह एक डोम यानी गुंबद के आकार का कैमरा होता है, डोम कैमरा का आम इस्तेमाल indoor एरिया जैसे दुकान, कमरे, रिसेप्शन, ऑफिस, लॉबी इत्यादि को कवर करने के लिए किया जाता है। इस प्रकार का कैमरा आम तोर पर वाटरप्रूफ नहीं होता है, इस लिए भी डोम कैमरा को ऐसे स्थान पर लगाया जाता है, जहाँ इस पर पानी ना पड़ सके। 

डोम कैमरा के भी कई प्रकार और डिज़ाइन उपलब्ध हैं, यह एनालॉग, एनालॉग HD और IP सभी में उपलब्ध होते हैं। वहीँ इसके कुछ आम डिज़ाइन हैं, तो कुछ कैमरा वैंडल प्रूफ डिज़ाइन के साथ भी आते हैं, जिनमें ना तो छेड़-छाड़ करना आसान होता है, और ना ही बाहर से देखकर कैमरा लेंस की लोकेशन का पता लगाया जा सकता है। डोम कैमरा अलग-अलग लेंस 3.6 mm, 4mm, 6mm, 8mm और अलग-अलग मेगापिक्सेल में उपलब्ध होता है। यह कैमरा प्लास्टिक और मेटल बॉडी दोनों में उपलब्ध होता है, जहाँ प्लास्टिक बॉडी में थोड़ा सस्ता आता है, तो मेटल में थोड़ा महंगा। 

Bullet Camera :- बुलेट कैमरा वाटरप्रूफ होता है, और इसका इस्तेमाल आउटर यानि बाहरी एरिया को कवर करने के लिए किया जाता है। यह एक सिलिंड्रिकल आकार का कैमरा होता है, जो की एनालॉग, एनालॉग HD और IP प्रत्येक कैमरा प्रकार में उपलब्ध होता है। बुलेट कैमरा को दूर से ही देखा जा सकता है, इसे गेट, बॉउंड्री, ग्राउंड, छत्त इत्यादि क्षेत्र को कवर करने के लिए इनस्टॉल किया जाता है।

बुलेट कैमरा का कवरिंग एरिया डोम कैमरा की तुलना में थोड़ा अधिक होता है, यह अलग-अलग लेंस 3.6 mm, 4mm, 6mm, 8mm और साथ ही अलग-अलग मेगापिक्सेल में उपलब्ध होता है, यानि आप अपने कवरिंग एरिया के अनुसार लेंस और मेगापिक्सेल का कैमरा चुन सकते हैं। बुलेट कैमरा प्लास्टिक और मेटल बॉडी दोनों में उपलबध होता है, और इसकी कीमत डोम कैमरा से थोड़ा ज्यादा होती है। 

C-Mount camera :- कैमरा चाहे वह डोम हो या बुलेट सभी का कवरिंग डिस्टेंस एरिया 30 से 40 फ़ीट तक का होता है, वहीँ C-Mount कैमरा भी एक बुलेट IP कैमरा है, जिसका कवरिंग डिस्टेंस 40 फ़ीट से भी अधिक है, और इसकी ज़ूमिंग तथा  Clarity भी काफी बढ़िया होती है, जिसमे दूर होने पर भी किसी इंसान की पेहचान आसानी से की जा सकती है।

C-mount कैमरा आउटडोर वाटरप्रूफ प्रोजेक्ट कैमरा होता है, जिसकी खासियत है, की इसमें अपनी जरुरत अनुसार लेंस बदला जा सकता है। यह हर मौसम सर्दी हो या गर्मी लगातार काम करते रहते हैं, इसी लिए इनका इस्तेमाल प्रोजेक्ट्स में किया जाता है।

PTZ Camera :- PTZ का full form होता है, (Pen tilt Zoom) यह भी हैवी ड्यूटी IP कैमरा होते हैं, जिनका इस्तमाल प्रोजेक्ट्स, कंस्ट्रक्शन साइट्स, ग्राउंड्स, बिल्डिंग टॉप, हाईवे, रोड्स इत्यादी में किया जाता है। PTZ कैमरा 360-डिग्री का view कैप्चर कर सकता है, इसे कंट्रोलर सॉफ्टवेयर द्वारा मूव किया जा सकता है, और जो चीज इसे दूसरे सभी कैमरा से अलग करती है, वो है, इसका कवरिंग डिस्टेंस एरिया जो की कुछ मीटर से कई किलोमीटर तक का हो सकता है, और साथ ही इसमें 40X तक का zoom भी हो सकता है। PTZ कैमरा की कीमत 25 से 30 हजार के बीच शुरू होती है, जो बढ़ती ही जाती है। 

Turret Camera :- इसे आईबॉल कैमरा भी कहा जाता है, यह भी IP डोम कैमरा का ही एक प्रकार है, लेकिन इसमें डोम कैमरा की तरह बाहरी कवर नहीं होता है, जिसके कारण इसमें बाहरी लाइट की चमक उतनी नहीं पड़ती है, जितनी डोम कैमरा में पड़ती है। टुरेट कैमरा का इस्तेमाल भी इंडोर एरिया को कवर करने में किया जाता है, यह कैमरा मोटराइज़े भी आता है, जिसे कंट्रोलर सॉफ्टवेयर द्वारा मूव और कंट्रोल किया जा सकता है। 

Fish Eye Camera :- फिश ऑय कैमरा एक बहुत ही खास किसम का IP कैमरा होता है, जो की 180 डिग्री से 360 डिग्री तक का पैनोरमिक व्यू कैप्चर करता है। फिश ऑय कैमरा का इस्तेमाल कमरे, हॉल, पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाले एरिया, में किया जाता है, जहाँ यह दो कैमरा का काम अकेले कर सकता है, यदि सही से प्लेस किया गया हो तो। यदि फिश ऑय कैमरा का पूरा लाभ लेना हो तो इसे कमरे के बीच में सीलिंग में लगाना चाहिए ताकि ये 360डिग्री कवरेज दे सके। 

wireless Camera :- भी डोम या बुलेट कैमरा ही होते हैं, जो IP और non IP दोनों में आते हैं, लेकिन इन्हे दूसरे सीसीटीवी कैमरा की तरह वायर या केबल द्वारा नहीं जोड़ा जाता है, बल्कि यह कैमरा वाई-फाई के माध्यम से कंट्रोल पेनल और एक दूसरे से जुड़े होते हैं। इनकी इंस्टालेशन में काफी सहूलियत होती है, क्योंकि कैमरा को कहीं भी लगाया जा सकता है, जहाँ वायरलेस कवरेज हो। जिस भी स्थान पर वायरलेस सीसीटीवी लगना हो, सिर्फ वहां पावर पॉइंट की आवश्यकता पड़ती है, ताकि कैमरा को पावर दी जा सके। 

निष्कर्ष (Conclusion)

एक बात बता दें ऊपर बताए गए सभी सीसीटीवी कैमरा नाईट विज़न कैमरा हैं, रात में जिनकी इमेज कैप्चरिंग क्षमता अलग-अलग होती है, जहाँ ptz कैमरा को खुले क्षेत्र में इनस्टॉल किया जाता है, तो रात में यह बहुत दूर तक सफाई के साथ वीडियो कैप्चर करने की क्षमता रखता है, वहीँ एक आम HD एनालॉग कैमरा, या IP कैमरा की नाईट विज़न की रेंज घर के अनुसार होती है, क्योंकि यह इंडोर और छोटे एरिया को कवर करने के लिए बने होते हैं। 

तो दोस्तों आपने जाना सीसीटीवी कैमरा क्या होता है, और सीसीटीवी कैमरा कितने प्रकार के होते हैं, साथ ही आपने यह भी जाना के किस प्रकार के कैमरा का उपयोग कहाँ किया जाता है। हमें उम्मीद है, दी गई जानकारी आपको ज्ञानवर्धक लगी होगी, यदि जानकारी अच्छी लगी है, तो इसे दूसरों से भी शेयर करें, और यदि इस पोस्ट से जुड़े आपके कोई सवाल हैं, या हमारे लिए कोई सुझाव हैं, तो आप कमेंट द्वारा हमें बता सकते हैं। 

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