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Paging & Segmentation in Hindi | OS में पेजिंग थता सेगमेंटेशन क्या है।

इससे पहले की आप जाने Paging थता Segmentation क्या होता है, (What is paging & segmentation in Hindi) चलिए समझते हैं, Primary memory और secondary memory किसे कहते हैं। 

कंप्यूटर में दो अलग प्रकार की memory होती हैं, प्राइमरी थता सेकेंडरी। प्राइमरी मेमोरी यानि के RAM इसे Main memory भी कहा जाता है, इसमे डाटा अस्थायी रूप से स्टोर होता है, थता यहाँ से लगातार एप्लीकेशन और हार्डवेयर द्वारा स्टोर डाटा को काफी तेजी से access किया जाता है।

सेकेंडरी मेमोरी यानि के डिस्क जैसे HDD/SSD इत्यादि यहाँ पर डाटा लंबे समय के लिए स्टोर कर रखा जाता है, लेकिन यह स्टोरेज प्राइमरी की तुलना में धीमा होता है।  

What is paging in Hindi | पेजिंग क्या है।

Paging कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम के अंदर एक memory management mechanism है, इसके द्वारा Processes को Main memory (RAM) में उपयोग के लिए secondary storage (HDD) से pages के रूप में retrieve किया जाता है।

पेजिंग द्वारा main memory यानि की RAM को physical memory के छोटे-छोटे fixed size blocks में विभाजित कर दिया जाता है, जिन्हे frames कहा जाता है, और प्रत्येक frame का size एक page के आकार का ही रखा जाता है, ताकि main memory का सही रूप में उपयोग किया जा सके।

पेजिंग द्वारा डाटा का काफी तेजी से उपयोग किया जाता है, क्योंकि जब कभी भी किसी प्रोग्राम को प्रोसेसिंग के लिए pages की आवश्यकता पड़ती है, तो वह पेजेज या डाटा Main memory में उपलब्ध होता है। 

दूसरे शब्दो में कहा जाए तो यदि कोई प्रोग्राम size में काफी बड़ा है जैसे 5GB का और आपके कंप्यूटर में RAM लगी है 2 GB की तो सोचिये फिर भी किस प्रकार वह प्रोग्राम आपके कंप्यूटर पर आसानी से Run कर पाता है।

तो यहाँ पर पेजिंग द्वारा प्रोग्राम को छोटे fixed size pages में विभाजित कर दिया जाता है, और उन्हें Main memory के frames में डाल दिया जाता है, जहाँ से वह प्रोग्राम execute कर पाता है।  

What is Segmentation in Hindi

Segmentation भी पेजिंग की तरह ही एक मेमोरी मैनेजमेंट तकनीक है, लेकिन इसमें पेजिंग के विपरीत segments का size एक जैसा नहीं रहता है।

जहाँ पेजिंग में pages का size fixed होता है, वहीँ segmentation में segments variable length के हो सकते हैं, और हर एक segments से जुड़ी जानकारी एक टेबल में स्टोर रहती है, जिसे Segment table कहा जाता है।

सेगमेंट टेबल में दो कॉलम उपलब्ध होते हैं, जहाँ पहला कॉलम सेगमेंट के size थता length को स्टोर करता है, वहीँ दूसरे कॉलम में सेगमेंट का base address थता starting address स्टोर होता है। 

क्योंकि segmentation में किसी प्रोग्राम या प्रोसेस को बराबर साइज में ना तोड़कर सेगमेंट अनुसार break किया जाता है, जैसे main function, library function, utility function इत्यादि यानि हर एक सेगमेंट का साइज उस सेगमेंट की लंबाई पर निर्भर करता है।

 

 

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This Post Has One Comment

  1. Samar Joeand

    Thank you

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