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IP spoofing in hindi

IP स्पूफ़िंग क्या है। What is IP Spoofing in Hindi

हेलो दोस्तों, आज के इस पोस्ट में आप जानेंगे IP स्पूफ़िंग क्या है (What is IP Spoofing in Hindi) और IP spoofing अटैक से बचने के क्या उपाय हैं। 

IP स्पूफ़िंग क्या है। What is IP Spoofing in Hindi

IP spoofing हैकर या Cyber criminals के द्वारा उपयोग की जाने वाली एक attacking तकनीक है, इसमें attacker अपनी असल पहचान को छुपा कर खुद को एक trusted source के रूप में प्रस्तुत करते हैं।

आसान शब्दो में कहा जाए तो IP स्पूफ़िंग में अटैकर user के पास ट्रांसफर हो रहे मैसेज (packets) के orignal IP एड्रेस में बदलाव कर fake एड्रेस डाल देते हैं, ताकि यूजर को ऐसा प्रतीत हो की मैसेज trusted source से ही आया है, जिससे user उस मैसेज को खोल लेता है, या execute कर देता है। 

IP स्पूफ़िंग के द्वारा attacker अनधिकृत (Unauthorized) रूप से User के कंप्यूटर या नेटवर्क का access प्राप्त कर लेते हैं, ताकि User का महत्वपूर्ण डाटा चुराया जा सके या दुर्भावनापूर्ण गतिविधियाँ कर के कंप्यूटर और नेटवर्क को अधिक से अधिक नुकसान पहुँचाया जा सके। 

स्पूफ़िंग की इस तकनीक का उपयोग मुख्य तः (DDOS) attack या (MITM) attack के लिए किया जाता है। 

IP स्पूफ़िंग कैसे काम करता है। How does spoofing work in Hindi

नेटवर्क या इंटरनेट में (डाटा) packets के रूप में send या recieve होता है, और हर packet के header में उसका source address थता destination address शामिल रहता है।

IP Spoofing में attacker इसी हिस्से को अपना निशाना बनाते हैं, जहाँ पर वे भेजे जा रहे packet header में मौजूद source address को modify कर देते हैं,

जिस से पैकेट प्राप्त करने वाला कंप्यूटर यानि destination computer उस पैकेट में किए गए malicious बदलाव को detect नहीं कर पाता है, और उसे trusted source से प्राप्त पैकेट की तरह ही व्यवहार करता है और Accept कर लेता है, जो की अंत में सुरक्षा संबंधित खतरों का कारण बनता है।  

हैकर्स द्वारा IP spoofing तकनीक का उपयोग मुख्य रूप से DDOS अटैक थता MITM अटैक के लिए किया जाता है।

DDOS अटैक में अटैकर target किए गए server पर काफी भारी मात्रा में multiple sources से ट्रैफिक भेजता है, जिससे एक समय बाद सर्वर उस ट्रैफिक को संभाल नहीं पाता है, और Crash हो जाता है। क्योंकि इस अटैक में Spoofing का उपयोग किया जाता है तो अटैक के source की पहचान नहीं की जा सकती है, या उसे ब्लॉक नहीं किया जा सकता है।

MITM अटैक में हैकर किन्ही दो लोगो के बीच किए जा रहे communication को बांधित कर देते हैं, और अटैकर के पास इस कम्युनिकेशन का कंट्रोल चला जाता है जिसका अंदाजा user को नहीं रहता है, और इस तरह से सभी जरुरी जानकारियाँ attacker तक पहुँच जाती हैं।

ब्रूट फाॅर्स अटैक क्या है। 

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IP Spoofing से कैसे बचें।

स्पूफ़िंग अटैक को पूरी तरह से रोकना काफी मुश्किल रहता है, लेकिन नीचे बताए गए कुछ tools और नियमों का यदि पालन किया जाता है, तो इनके उपयोग द्वारा स्पूफ़िंग अटैक के खतरों को कम किया जा सकता है।

  • नेटवर्क में Packet filtering system का उपयोग किया जाना चाहिए, ताकि नेटवर्क पैकेट्स की गहराई से जाँच की जा सके और किसी भी प्रकार का unknown source  IP एड्रेस पाए जाने पर उसे नेटवर्क में घुसने से रोका जा सके। 

  • मार्किट में विभिन्न स्पूफ़िंग detection सॉफ्टवेयर उपलब्ध हैं, तो इस प्रकार के स्पूफ़िंग डिटेक्शन softwares का उपयोग किया जाना चाहिए ताकि सुरक्षा की परत को बढ़ाया जा सके।  
  • हमेशा Cryptographic नेटवर्क प्रोटोकॉल जैसे Https या SSL इत्यादि का ही उपयोग करना चाहिए, ताकि डाटा को एन्क्रिप्ट किया जा सके। 

  • नेटवर्क में Verfication methods को implement किया जाना चाहिए ताकि IP एड्रेस को फ़िल्टर किया जा सके। 

  • End users को हमेशा Https secure वेबसाइट को ही surf करना चाहिए। 



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