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ई-कॉमर्स क्या है, ई-कॉमर्स के फायदे और नुकसान

ई-कॉमर्स क्या है, What is E-commerce in Hindi इसके फायदे, इसके नुकसान और इससे जुड़ी सारी जरूरी जानकारियाँ आपको इस लेख में पढ़ने को मिल जाएगी।

दोस्तों E-commerce शब्द से अर्थ Electronic commerce यानि Internet commerce से है। जो भी सामान या सर्विस हम इंटरनेट के द्वारा खरीदते या बेचते हैं, वह ई-कॉमर्स कहलाता है। 

आज इंटरनेट का समय है, तो अधिकतर लोग इंटरनेट द्वारा यानि ऑनलाइन खरीदारी करना पसंद करते हैं, चाहे फिर उन्हें 10000रू का मोबाइल फ़ोन खरीदना हो, या फिर 150रू का फ़ोन चार्जर, खरीदार चाहता है, की उसे घर बैठे कम से कम दाम में आसानी से उसकी जरुरत का सामान उपलब्ध हो जाए। 

साथ ही अगर कुछ ऑनलाइन ऑफर भी मिल जाए तो और बढ़िया, तो चलिए ई-कॉमर्स क्या है, थोड़ा गहराई से समझते है। 

ई-कॉमर्स क्या है | What is e-commerce in Hindi

जैसे की आपने पड़ा E-commerce से अर्थ Internet commerce से होता है, यानि कोई भी बिज़नेस लेन-देन जो के ऑनलाइन किया गया हो। 

जब एक खरीदार इंटरनेट के माध्यम से कोई सामान या सर्विस लेता है, और उससे संबंधित पैसों या डाटा का ऑनलाइन बिज़नेस के साथ लेन-देन करता है, वह ई-कॉमर्स के अंतर्गत आता है। 

इंटरनेट पर ई-कॉमर्स के बहुत से मंच है, जिनका इस्तेमाल ऑनलाइन खरीदारी के लिए किया जाता है। 

ई-कॉमर्स के प्रकार | Types of E-commerce in hindi

ई-कॉमर्स के मुख्य तोर पर चार प्रकार होते हैं, जो क्रेता और विक्रेता के बीच हुई किसी भी ऑनलाइन बिक्री या लेन-देन को दर्शाते हैं। 

1.Business to Consumer (B2C)

जब एक व्यापार द्वारा कोई भी सामान या सर्विस ऑनलाइन माध्यम से सीधे तोर पर किसी उपभोक्ता को बेचीं जाती है, तो वह (B2C e-commerce) केहलाता है। 

उदहारण:-जैसे आप अपनी कोई घड़ी, फोन, शर्ट इत्यादि किसी ऑनलाइन स्टोर से खरीदते हैं। 

2.Business to Business (B2B)

जब एक व्यापारी से दूसरे व्यापारी को कोई भी सामान या सर्विस ऑनलाइन बेचीं जाती है, तो वह (B2B e-commerce) कहलाता है।  

उदहारण :-जैसे एक व्यापार द्वारा दूसरे व्यापार के उपयोग के लिए कोई सॉफ्टवेयर बेचा जाता है, या उससे संबंधित सर्विस दी जाती है। 

3.Consumer to Consumer (C2C)

जब कोई सामान एक उपभोक्ता द्वारा किसी दूसरे उपभोक्ता को बेचा जाता है, वह (C2C e-commerce) कहलाता है। 

उदहारण:-जैसे एक उपभोक्ता द्वारा घर का पुराना सोफा या कोई पुरानी मशीन ऑनलाइन माध्यम से दूसरे उपभोक्ता को बेचीं जाती है। 

4.Consumer to Business (C2B)

जब एक उपभोक्ता द्वारा किसी व्यापार को अपनी सर्विस या सामान बेचा जाता है, वह (C2B e-commerce) कहलाता है। 

उदहारण:- जब कोई उपभोक्ता कुछ लिखकर या अपने फोटोग्राफी हुनर से किसी व्यापार को मूल्य प्रदान करता है, जिससे व्यापार का विज्ञापन होता हो। 

ई-कॉमर्स के फायदे और नुकसान

जैसे की यह ऑनलाइन खरीदारी का दौर चल रहा है, और ज्यादातर इंटरनेट उपभोक्ता ऑनलाइन खरीदारी यानि ई-कॉमर्स का इस्तेमाल कर रहें हैं, तो यह जरूरी हो जाता है, की इसके फायदों और नुकसान के बारे में भी जाना जाए। तो आईये समझते हैं, ईकॉमर्स के क्या फायदे और नुकसान हैं।

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ई-कॉमर्स के कुछ फायदे व्यापार की नजर से

1.कम लागत में शुरू किया जा सकता है :-ऑनलाइन स्टोर को खोलना किसी भी शोरूम  खोलने से काफी सस्ता पड़ता है, जिसमे काफी पैसो की बचत की जा सकती है। Showroom या किसी retail स्टोर के लिए काफी बड़ी जगह लेनी पड़ सकती है, जिससे उसका किराया भी बड़ जाता है, और साथ ही स्टाफ और सुरक्षा पर भी पैसे खर्च होते हैं। वहीँ अगर ऑनलाइन स्टोर खोलने की बात करें तो इन सब खर्चो को कम किया जा सकता है। 

2.समय की कोई पावंदी नहीं होती :-ई-कॉमर्स का दूसरा फायदा यह है, की इसमें सामान बेचने की कोई समय सीमा नहीं होती, यानि एक customer आपके स्टोर से सुबह 4 बजे भी सामान खरीद सकता है, और रात 12 बजे भी, तो इसमें समय का बंधन नहीं होता है, और ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है। 

3.सामान बेचने का असीमित दायरा :-इसमें सामान बेचने का कोई सीमित दायरा नहीं होता है, जैसे अपने क्षेत्र में या अपने शहर में बल्कि दुनिया में ऑनलाइन माध्यम से कही भी अपने सामान को बेचा जा सकता है। 

ई-कॉमर्स के कुछ फायदे उपभोक्ता की नजर से

1.मनपसंद सामान या सर्विस के चुनाव का मौका:- ई-कॉमर्स से एक उपभोक्ता को अपनी मनपसंद के सामान या सर्विस को खरीदने के ढेरो विकल्प मिल जाते हैं, जिसमे इसकी विविधता और क्षेत्र असीमित होता है। यानि एक जगह बैठे-बैठे दूसरे कई मंचो से लिए जाने वाले सामान की तुलना करने का मौका मिल जाता है।  

2.सुविधा:- उपभोक्ता को खरीदारी करने की सुविधा रहती है, यदि अगर आप कही सफर कर रहें हैं, या मौसम ख़राब होने पर बाहर नहीं जा सकते तो भी आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि ई-कॉमर्स से घर बैठे खरीदारी का विकल्प मिल जाता है। 

3.समय की बचत:- ई-कॉमर्स से समय की काफी बचत हो जाती है, आपको बाहर जाने और अलग-अलग दुकानों पर जाकर सामान चुनने की झंझट से छुटकारा मिल जाता है। 

ई-कॉमर्स के कुछ नुकसान व्यापार की नजर से

1.Website crash होने पर काम रुक जाता है:- ई-कॉमर्स में सारा काम website आधारित होता है। अगर किसी कारण यह क्रैश हो जाती है, तो सारा काम रुक जाता है, तो इससे काफी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। 

2. Competition काफी ज्यादा होता है:- इंटरनेट पर दूसरे ऐसे ऑनलाइन स्टोर के साथ हमेशा competition बना रहता है, और ऐसे में लगातार प्रचार पर काम करते रहना पड़ता है, जिससे ग्राहक दूसरे ऑनलाइन मंचो की तरफ आकर्षित ना हों। 

3.ग्राहकों से सीधे तोर पर जुड़ाव नहीं होता:-अगर ग्राहक की कुछ शिकायत है, या उन्हें कुछ पूछना है तो कई बार व्यापारी और उपभोक्ता के बीच communication में काफी समय लग जाता है, जिससे ग्राहक का धैर्य जवाब दे जाता है, और इससे दोनों के बीच मतभेद उत्पन्न हो सकते है। 

ई-कॉमर्स के कुछ नुकसान उपभोक्ता की नजर से

1.सुरक्षा:-अगर सबसे बड़ी कमी जो उपभोक्ता की नजर से देखा जाए तो वह ऑनलाइन खरीदारी में सुरक्षा को लेकर है, यानि E-commerce वेबसाइट पर अपनी पूरी जानकारी देना जिसमें अपना पता नाम और क्रेडिट कार्ड से सम्बंधित जरुरी जानकारियां होती हैं, जिसके चोरी होने का खतरा बना रहता है।  

2.धोके का डर:-ग्राहक कही बार E-commerce खरीदारी से बचता है, क्योंकि जहाँ से वह खरीदारी की सोच रहा है, क्या वो वास्तविक रूप में है भी या नहीं, तो ग्राहक के मन में यह डर बना रहता है। अगर कुछ नामी E-commerce कंपनियों को छोड़ दिया जाए तो इंटरनेट पर दूसरी हजारों ऐसी वेबसाइट रोज बनती हैं, जिनसे fraud भी किया जाता है।  

3.खरीदारी से पहले try नहीं क्या जा सकता:-अगर बात करें किसी शोरूम या दुकान की जहाँ पर हम सामान को छूंकर देख सकते हैं, लेकिन E-commerce में खरीदारी से पहले ऐसा नहीं किया जा सकता जिससे मन में संदेह बना रहता है। 

भारत में E-commerce के मुख्य platforms

Amazon
Flipkart
Snapdeal


Jabong, Myntra, Shopclues, Paytm, Shopify इत्यादि।

भारत में E-commerce की शुरुवात

अगर भारत में ई-कॉमर्स की शुरुवात की बात की जाए तो IRCTC द्वारा सन 2002 में इसकी शुरुवात कर दी गयी थी, जिसमे IRCTC ने एक online portal निकाला था जिससे रेल यात्रा के लिए टिकट खरीदने से लेकर रेल से जुड़ी दूसरी जरूरी जानकारियाँ यात्रियों को दी जा सकती थी, साथ ही इसका उद्देस्य टिकट बुकिंग कर्मियों पर से भी भार को कम करना था।

इसके बाद IRCTC के इसी मॉडल को देखकर सन 2003 में Air deccan और indian airlines द्वारा भी ऑनलाइन टिकटिंग सुविधा सुरु कर दी गयी, जिससे बिना किसी एजेंट कमिशन के सीधे तोर पर अपने यात्रियों से जुड़ा जा सकता था। 

भारत में E-commerce का भविष्य

भारत में ई-कॉमर्स के भविष्य की संक्षिप्त में बात की जाए तो हमारा मानना है, कि अभी इस क्षेत्र में ऐसे ऑनलाइन मंचो में लगातार वृद्धि होगी, जैसे विश्व में भारत का बाजार सबसे बड़ा माना जाता है और दुनिया की बड़ी कंपनियों की नजर भारतीय बाजार पर रहती है।  


देखा जाए तो पिछले काफी वर्षो से कुछ बड़ी विदेशी कंपनियां जैसे Amazon, Wallmart इत्यादि अपनी सुविधायें भारत में भी दे रही हैं, और अगर भारतीय E-commerce कंपनियों की बात की जाए तो Flipkart ने सन 2007 में शुरुआत की थी, जिसके बाद लगातार ऐसी कंपनियों में वृद्धि हुई है।

हमें ये भी मानना होगा कि E-commerce डिलीवरी की सुविधा अभी ज्यादातर बड़े शेहरो तक ही सिमित है, यानि छोटी जगहों तक इसकी पहुँच अभी भी नहीं है, और आने वाले समय में जिस तरह से इंटरनेट का फैलाव भारत के हर कोने में होगा वैसे-वैसे कंपनियां भी अपना दायरा बढ़ाएंगी जो E-commerce क्षेत्र के अच्छे भविष्य को दर्शाता है। 

निष्कर्ष

दोस्तों आपने पढ़ा ई-कॉमर्स क्या है, ई-कॉमर्स के प्रकार और इससे जुड़ी  वो सभी जरूरी जानकारियाँ जो आपको पता होनी चाहिए। हमारा मानना है, की अभी ई-कॉमर्स का भविष्य भारत में बहुत अच्छा है, और इसमें लगातार वृद्धि होगी। 

लोगो के पास इस क्षेत्र से जुड़ने के नए मौके हैं, चाहे फिर बात की जाए इसके माधयम से अपने किसी प्रोडक्ट को बेचने कि या फिर नए E-commerce प्लेटफार्म तैयार करने की। यदि आप इस क्षेत्र में रूचि रखते हैं, और कुछ नया करना चाहते हैं, तो इसमें आप अपना भविष्य बना सकते हैं। यदि इस पोस्ट में दी गयी जानकारी आपके कुछ काम आई है, तो इसे दूसरों के साथ भी शेयर करें धन्यवाद।



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This Post Has 5 Comments

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