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Distributed System in hindi

डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम क्या है। Distributed system in Hindi

हेलो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आप डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम के बारे में पढ़ेंगे। आप जानेंगे डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम क्या है, (Distributed system in Hindi) और यह किस प्रकार कार्य करता है। 

डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम क्या है। Distributed system in Hindi

Distributed system को डिस्ट्रिब्यूटेड कंप्यूटिंग भी कहा जाता है। यह विभिन्न स्वतंत्र कम्प्यूटरों का एक समूह है, जो मिलकर किसी एक टास्क को पूरा करने या एक लक्ष की प्राप्ति के लिए कार्य करते हैं। डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम के भीतर जुड़े कंप्यूटर किसी एक स्थान पर या विभिन्न स्थानों पर मौजूद हो सकते हैं। 

कम्प्टूयर जो किसी एक स्थान पर मौजूद होते हैं, वे LAN यानि लोकल एरिया नेटवर्क द्वारा जुड़े होते हैं, और कंप्यूटर जो के अलग-अलग स्थानों पर मौजूद रहते हैं, वे WAN वाइड एरिया नेटवर्क द्वारा आपस में कनेक्ट रहते हैं।

सभी कंप्यूटर चाहे फिर वह LAN पर हों या WAN पर वे डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम सॉफ्टवेयर द्वारा एक नेटवर्क में जुड़कर डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम का हिस्सा बनते हैं, और टास्क को पूरा करने की दिशा में काम करते हैं।

इस सिस्टम के भीतर जुड़े सभी Computers आपसी Coordination के लिए message passing का उपयोग करते हैं (यह Communication का एक प्रकार है) और मिलकर लक्ष्य प्राप्ति के लिए काम करते हैं। 

एक डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम के भीतर विभिन्न devices जुड़ी हो सकती हैं, जैसे mainframes, personal computers, Servers, Virtual machines या mini computers इत्यादि, लेकिन सिस्टम के भीतर विभिन्न nodes होने के बावजूद भी end user को यह एक Interface या एक कंप्यूटर के रूप में ही नजर आता है।

डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम का सामान्य सा उदाहरण आप इंटरनेट से लें सकते हैं। इंटरनेट किसी एक सेंट्रल कंप्यूटर के द्वारा नहीं चलता है, बल्कि यह दुनियाभर में फैले हुवे अनगिनत कंप्यूटर नेटवर्क के आपस में जुड़ने से बनता है।

इंटरनेट ढेरों Computers, networks थता servers की प्रोसेसिंग के बाद end user तक पहुँचता है, लेकिन end-user इंटरनेट की पीछे की प्रोसेसिंग को नहीं देख सकता है, और वह भी इस डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम का हिस्सा होता है। 

System distribution क्यों आवश्यक है।

डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम यानि वह सिस्टम जो बटा हुवा हो, यहाँ पर task को विभिन्न स्वतंत्र कम्प्यूटरों में बाँट दिया जाता है, ताकि हर कंप्यूटर दिए गए टास्क को पूरा कर सके।

डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम एक जटिल सिस्टम है, जिसे deploy करना, maintain या manage करना एक मुश्किल काम है, लेकिन यह उतना ही महत्वपूर्ण भी है। 

उदाहरण के तोर पर मान लीजिये यदि एक डेटाबेस सर्वर है, जिसे कुछ सीमित users द्वारा LAN पर एक्सेस किया जाता है, क्या हो यदि उसे online कर दिया जाए और सर्वर को access करने वाले users की संख्या काफी ज्यादा बढ़ जाए। निश्चित है की सर्वर का प्रदर्शन डाउन हो जाएगा या वह क्रैश जाएगा, क्योंकि उसकी क्षमता users की इतनी बड़ी संख्या को हैंडल करना नहीं है। 

तो यहाँ पर सर्वर की क्षमता को बढाने के लिए एक सीमा तक डेटाबेस सर्वर के हार्डवेयर को अपग्रेड भी किया जा सकता है, लेकिन यदि ट्रैफिक बढ़ता जा रहा है, तो आप पाएंगे की हार्डवेयर अपग्रेड से भी ट्रैफिक को हैंडल नहीं किया जा सकता है। 

तो ऐसे में यदि सर्वर की संख्या को बढ़ा दिया जाए या केहलीजिये की डेटाबेस सर्वर के साथ दूसरे कम्प्यूटरों को भी जोड़ दिया जाए तो ट्रैफिक को आसनी से हैंडल किया जा सकता है। 

इसी प्रकार Distributed system में भी scaling की जाती है, यानि autonomous कम्प्यूटरों की संख्या को बढ़ाया जा सकता है। जिससे कार्यों को बाँटा जा सके, प्रदर्शन को बेहतर किया जा सके और समस्याओं का निदान तेजी से किया जा सके। 

डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम के लाभ। Advantage of Distributed system in hindi

  • Distributed system में कार्यों को सभी मशीनों के बीच बाँटा जा सकता है, जिससे कार्यो को तेजी से पूरा किया जा सकता है। 

  •  इसमें हर नोड स्वतंत्र रूप से कार्य करता है, जिससे किसी भी समय आवश्यकता अनुसार सिस्टम में नए नोड्स को add किया जा सकता है। 

  • डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम में सभी कंप्यूटर नेटवर्क द्वारा एक दूसरे से जुड़े रहते हैं, जिससे वे आपस में आसानी से डाटा शेयर कर सकते हैं। 

  • कंप्यूटर नेटवर्क में एक दूसरे से जुड़े रहते हैं, जिससे resources जैसे की प्रिंटर इत्यादि को शेयर किया जा सकता है। 

  • यदि किसी एक नोड में समस्या आ जाती है, या वह काम करना बंद कर देता है, तो भी डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम को कोई फर्क नहीं पड़ता है, यानि बाँकी नोड्स काम करते रहते हैं।  

  • डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम में विभिन्न कम्प्यूटर्स की कंप्यूटिंग पावर होने की वजह से इसका प्रदर्शन काफी बढ़िया रहता है।  

डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम की हानियाँ।

  • इसका implementation, maintenance और management करना एक जटिल कार्य है। 

  • समस्या उत्पन्न ओने पर उसकी troubleshooting करना काफी मुश्किल हो जाता है।

  • ओपन या स्वतंत्र सिस्टम होने की वजह से पुरे सिस्टम को सुरक्षित बनाए रखना काफी मुश्किल हो जाता है। 

  • मशीनो के बीच शेयरिंग के दौरान Data loss की समस्या उत्पन्न हो सकती है। 

क्लाइंट-सर्वर मॉडल क्या है। 

दोस्तों उम्मीद है, अब आपको जानकारी हो गई होगी की Distributed system क्या है, और यह क्यों जरुरी है। हमारा निवेदन है, यदि जानकारी आपको अच्छी लगी है, तो इसे दूसरों के साथ भी शेयर करें। 

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This Post Has One Comment

  1. Ashish

    Hlo sir

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